tag:blogger.com,1999:blog-1032903960766420383.post243628921535300766..comments2023-12-14T01:29:56.831-08:00Comments on " 21वीं सदी का इंद्रधनुष ": बीज का आत्मकथ्यbabanpandeyhttp://www.blogger.com/profile/17780357103706948852noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-1032903960766420383.post-72155595073953854482011-06-24T23:35:28.622-07:002011-06-24T23:35:28.622-07:00मुझमे कसैले फल नहीं
आपने आम रोपा था न
मैं बबूल कैस...मुझमे कसैले फल नहीं<br />आपने आम रोपा था न<br />मैं बबूल कैसे होता<br />मैं उऋण नहीं हो सकता SACH KAHA AAPNE JAISE SASKAAR MILATEN HAI INSAAN WAISA HI BANATAA HAI.SAARTHAK RACHANAA.BADHAAI AAPKO.MERE BLOG MAIN AANE KE LIYE BAHUT BAHUT DHANYAWAAD,AASHA HAI AAGE BHI AAP MERI RACHANAON PER APNE COMMENTS DETE RAHENGE.AABHAARprerna argalhttps://www.blogger.com/profile/11905363361845183539noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1032903960766420383.post-42281012986797067812011-06-23T10:59:34.917-07:002011-06-23T10:59:34.917-07:00आपने आम रोपा था न
मैं बबूल कैसे होता
मैं उऋण नहीं ...आपने आम रोपा था न<br />मैं बबूल कैसे होता<br />मैं उऋण नहीं हो सकता //<br /><br />अनुभूतियों की सुन्दर अभिव्यक्ति ...<br />लाजवाब रचना ........संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1032903960766420383.post-79422006973339722322011-06-23T02:54:46.195-07:002011-06-23T02:54:46.195-07:00।मैं उरिण नहीं हो सकत॥ बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।।मैं उरिण नहीं हो सकत॥ बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।ѕнαιя ∂я. ѕαηנαу ∂αηιhttps://www.blogger.com/profile/05121772506788619980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1032903960766420383.post-48455996664032934672011-06-23T01:06:32.436-07:002011-06-23T01:06:32.436-07:00आपने आम रोपा था न
मैं बबूल कैसे होता
मैं उऋण नहीं ...आपने आम रोपा था न<br />मैं बबूल कैसे होता<br />मैं उऋण नहीं हो सकता // <br /><br />गहन अनुभूतियों की सुन्दर अभिव्यक्ति ... <br />हार्दिक बधाई.Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1032903960766420383.post-22004375578913313642011-06-23T00:31:07.395-07:002011-06-23T00:31:07.395-07:00वाह .जी .....बिज आपने संस्कारों का फल देता ही है ....वाह .जी .....बिज आपने संस्कारों का फल देता ही है .....अब चाहे उसको कसेला पानी ही क्यू नहीं मिला हो ज़माने द्वारा या आपने घर के द्वारा ..पर अपने फल के प्रति हमेंशन कृतज्ञ रहता है ....प्रकृति का नियम है ....अब इन्सान कई बार सोचता है की मैने तो पानी और आपने सारथि होने का सही कर्त्तव्य निभाया है पर ....खेर .फल का शुद्ध होना जरुरी आज के इन्सान का ....बिज वाही फल देगा .. भ्रम में आज का इन्सान कई जगह ....सुंदर बबन जी nirmal PaneriTravel Trade Servicehttps://www.blogger.com/profile/11770735608575168790noreply@blogger.com