मंद -मंद मुस्काते फूल
जीवन को महकाते फूल
गम सहने की शक्ति देते
कभी नहीं भरमाते फूल //
प्रभु चरणों का है यह दास
कर अर्पण हम लागते आस
है तितली की प्यारी यह
वन-उपवन महकाते फूल //
मंद -मंद मुस्काते फूल
लग गेसुओं में यह
पौरुष की बीन बजा देता
सजती है फूलों से नारी
कामदेव को ललचाते फूल //
मंद -मंद मुस्काते फूल
बहुत बढ़िया ...गम सहने की शक्ति देते कभी नहीं भरमाते फूल सही लिखा अपने भैया ....
जवाब देंहटाएंशुक्रिया सविता बहन ..
जवाब देंहटाएंwah mmbahut sunder,,,
जवाब देंहटाएंलग गेसुओं में यह
जवाब देंहटाएंपौरुष की बीन बजा देता
सजती है फूलों से नारी
कामदेव को ललचाते फूल
GAJAB KI BAATEN SANG BAHA LE JATI .
सार्थक टिप्पणी के लिए ह्रदय से आभार आपका
हटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना
जवाब देंहटाएंलग गेसुओं में यह
पौरुष की बीन बजा देता
सजती है फूलों से नारी
कामदेव को ललचाते फूल //वाह ,,, बहुत खूब बबन जी,,,
RECENT POST: दीपों का यह पर्व,,,
बहुत ही सुन्दर.प्यारी रचना..
जवाब देंहटाएं:-)