जनसंख्या रूपी अजगर
आप मेरा प्रणाम स्वीकार करे ।
प्रभु .....
आपको क्या भोग लगाऊ
आप न शाकाहारी है /न मांसाहारी
निगल जाते है /किसानों का
हजारों एकड़ भूमि प्रति वर्ष ॥
आपकी विशालता से
मैं ही नहीं /सब भयभीत है
सर्वशक्तिमान नेता भी चुप है
किस पार्टी की शामत आई है
जो आपको मारने का
बनाए चुनाबी मुद्दा ॥
चीन के लोग बदमाश है ,प्रभु
अंकुश लगा / कद छोटा कर रहे है आपका
आप भारत में बेख़ौफ़ रहिये
बड़े दयालु है भारतीय
हर चीज में भगवान् देखते है
काटने वाले सांप को भी
प्रेम से दूध पिलाते है ॥
apt satire!
जवाब देंहटाएंvijayadashmi ki shubhkamnayen!
regards,
Bahut hi badhiya kavita aur vishay bhi bahut kamaal ka chuna hai, bat ko vyangya ke maadhym se jis syndarta se kaha gaya hai vah prashansneey hai !
जवाब देंहटाएंशुक्रिया योगराज प्रभाकर भाई और अनुपमा पाठक जी
जवाब देंहटाएंआप भारत में बेख़ौफ़ रहिये
जवाब देंहटाएंबड़े दयालु है भारतीय
हर चीज में भगवान् देखते है
काटने वाले सांप को भी
प्रेम से दूध पिलाते है ॥
बबन भाई आदर्श है आप और आपके ज्वलंत अभिब्यक्त विचार I
बहुत बहुत बधाई हो I
" जनसँख्या रूपी अजगर," बढ़ती जनसँख्या पर आपकी चिंता और उसकी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवाजिब है ,सारगर्भित है."निगल जाते हैं किसानों का हजारों एकड़ प्रतिवर्ष" अत्यंत
वस्तुपरक है .सभी भारतवासियों को इसपर विचार करना चाहिए.<><>और हाँ --
श्री लालू जी को भी.----नहीं बब्बन साहब??
jansankhya jaise jwalant mudde par ,ati sundar wyang Baban ji ....sadhu wad hai aapko ....
जवाब देंहटाएंआदरणीय बबनजी, जनसँख्या वृद्धि जैसे संवेदनशील मुद्दे पर आपने बड़ी ही सहजता से, प्रेम-पूर्वक,हास्य-व्यंग के शस्त्रों से इस जनसँख्या वृद्धि रुपी रावण स्वरुप अजगर पर प्रहार किया है..आशा करता हूँ आज विजयादशमी के पवित्र त्यौहार पर आपके इस ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को हम सभी फेसबुकवासी सर्वानुमति से पास कर देंगे.."जय श्री राम"
जवाब देंहटाएंgood written ...very good written baban ji one of the todays burning matter...Nirmal
जवाब देंहटाएंbabanji Population control in India n world can be brought thru strict law n that too through UNO,any country not implementing will have to face UN sanctions &their heads of govt. should be sent behind the Bar for not implementing the population control law in their country,Present Govt is lickering foots of n will keep on lickering foots of few communities for their vote bank n will never with such strict Law,with fear of loosing their vote banks,better start writing to all Heads of state in all Continents and to the United NATIONS HEAD QUARTERS THRU UNO SECREATRY GENERAL HEADS OF STATE OF US,CANADA,UK,FRANCE,EUOPEAN,AUSTRALIAN,AFRICAN,
जवाब देंहटाएंSOUTH AMERICAM CONTIENTS N SECRETARY GENERAL OF UNITED NATIONS WILLDEFINTELYCOME FORWARD TO SOLVE THIS WORLD PROBLEM.
ALL PROBLEMS LIKE TERROISM, NAXALISM,N OTHER CRIMES ,MAOISM ARE DUE TO HEAVY
UN EMPLOYEMNT N UNEMPLOYMENT IS DUE TO VERY FAST INCREASE OF POPULATION OF THE WORLD,RESOURECES OF THE WORLD N EARTH ARE LIMITED,HOPE U UNDERSTAND,IF BILLIONS OF PEOPLE ACROSS THE WORLD WRITES TO UNO,N HEADS OF ALL COUNTRIES THRU EMAIL(INTERNET HAS MADE VERY THING VERY EASY,I REQUEST ALL MEMBERS OF FACE BOOK TO PL.UTILISE FACE BOOK FOR WELFARE OF ALL LIVING BEINGS,ENVIRONMENT,HUMANITY N THE WORLD THEN POPULATION CAN BE CONTROL VERY FAST IN EVERY COUNTRY;SWELFARE./ THKS ASHWINI KUMAR SRIVASTAVA-ashsrivastava123@gmail.com
thanks ..Aswini ji ..UNO can play a vital role to resolve the problem....we should ..write to UN ...to lock the aid ..till the indian govt ..donot take a stringent action the ...population ..thanks..for your valuable comments
जवाब देंहटाएंबेहतरीन पांडे जी... अच्छा लगा... दशहरा की हार्दिक बधाई मेरे तरफ से....
जवाब देंहटाएंBabanji, kya vyangya kiya hai.....bahut khoob,kadwa satya!!!!
जवाब देंहटाएंबड़े दयालु है भारतीय ,हर चीज में भगवान् देखते है
काटने वाले सांप को भी, प्रेम से दूध पिलाते है ॥
बहुत बढ़िया... यक्ष प्रश्न... कौन बाँधेगा बिल्ली के गले में घंटी?
जवाब देंहटाएंbahut badhiya
जवाब देंहटाएंबबन जी............सही कहा..............यह जनसँख्या हि है जो हमारी उपलब्धियों को खाती जा रही हैं............या यूँ कहे कि जिन्दा हि निगले जा रही हैं........इस समस्या का हल निकालना बहुत ही जरूरी हैं वो भी युद्ध स्तर पर........
जवाब देंहटाएंBahut hi samsamayik mudde per achcha likha hai.Kash hum our humare leaders is kavita se kuchh prerna le pate. Lekin iske liye Mahoul banana padega, jaise ki iss kavita ke madhyam se kiya gaya hai..
जवाब देंहटाएंAvanish Kumar, DISA
जनसंख्या एक प्राकृतिक व्यवस्था है, उसे छेड़ना प्रकृति को छेड़ना है
जवाब देंहटाएं---यही सच है तुषार जी ....
हटाएं---लोग यूंही जमाखर्च करते रहते हैं ? ....
---पर यह प्रश्न भी सच है कि ईंट के घर बनाना भी प्रकृति को छेडना है ...हम गुफाओं में ही क्यों नहीं रहते जो प्राकृतिक व्यवस्था है ....
Aabaadi jitni badhegi utni bhedein badhegi bhala kaun gadriya (rajnitigya) chahega bhedein kam hon! Aakhir bhedein hi to unhein vote deti hain.
जवाब देंहटाएंMahengayi Dayan bhi to baithi hai is ajgar ki peethpar.
जवाब देंहटाएंdhanyvaad jii, aapne badti jansankhya kaa jwlant mudda jis terweh se uthaya hai sateek likha aapne
जवाब देंहटाएंआप भारत में बेख़ौफ़ रहिये
जवाब देंहटाएंबड़े दयालु है भारतीय
हर चीज में भगवान् देखते है
काटने वाले सांप को भी
प्रेम से दूध पिलाते है ॥
बबन भाई, सार्थक व्यंग के लिए धन्यवाद. इस दफ़े आपकी शैली कथ्य और प्रस्तुति दोनों मंजी हुई दीख रही है. पुनश्च धन्यवाद.
बड़े दयालु है भारतीय
जवाब देंहटाएंहर चीज में भगवान् देखते है
काटने वाले सांप को भी
प्रेम से दूध पिलाते है
-बहुत सटीक!!
बब्बन भईया
जवाब देंहटाएंजनस्ंख्या हमारे लिये बहुत बडी संख्या और समस्या है । इस सम्स्या का हल अब खोजना बहुत जरुरी हो गया है क्योकि जिस युवा शक्ति की हमे तलाश थी वो अब पुरी हो चुकि है । मंझे , अगले 40 साल हमे सोचने की जरुरत नही है । इस लिये आज के समय मे आज का जो सबसे जरुरी कार्य किसी समस्या को हल करने का है तो जनसंख्या पे नियंत्रण ही है ।
बहुत बहुत बधाई और शुभकामना इस सामाजिक समस्या को बेहतरीन अँदाज मे दिखाने के लिये ।
सादर
... bahut sundar ... behatreen !
जवाब देंहटाएंआप भारत में बेख़ौफ़ रहिये
जवाब देंहटाएंबड़े दयालु है भारतीय
हर चीज में भगवान् देखते है
काटने वाले सांप को भी
प्रेम से दूध पिलाते है ॥
Bhai ji, Bharat me badhati jansankhya Vastaav me chinta ka vishay hai. is par aap ne acha vyang kiya hai "Ajagar" ka nam dekar...kahi na kahi aap ki har rachana samajik muddo par hoti hai. Aap ka ye hasya kavita bahut hi sarahaniya hai.
Vijayadasmi ki hardik shubh kamanaye...Ma Durga aap ko shaktishali banaye aur Ma Saraswati aap ke kalam par sdaiv vidman rahe...aap ko punah dhanyavaad.
जनसंख्या रूपी अजगर?? अजगर को ठीक से खाना खिलाओ और देखो इसकी ताक़त. अजगर का खाना गोदामों मैं सड जाता है और जब भूखा अजगर , आतंक फिलाता है तो हम चिंतित हो जाते हैं.
जवाब देंहटाएंsamajik samasya ko behtreen anj me pesh kiya
जवाब देंहटाएंbahut hi sunder
बबनजी,
जवाब देंहटाएंयह 'अजगर' है या 'डायनासौर' है...??? खुद तो जनसंख्या विस्फ़ोट के कगार पर है ही... इस जानलेवा महंगाई का कारण भी जनसंख्या ही है... अभी भी आंखें बन्द कर रखना सरकार एवं जनता दोनों के लिये ही आत्मघात करना है...
बबनजी आपने इस मुद्दे पर लिखा यह आपकी अति संवेदनाशीलता है...
बबन जी, आपने एक जिम्मेदार रचनाकार होने का कर्तव्य बहुत अच्छे तरीके से निभाया है ... ! काश देश के शेष रचनाशील लोग आप से कुछ प्रेरणा ले सकें |
जवाब देंहटाएंमैं आपकी इस कविता को अपने वाल पर साझा करने की ध्रष्टता कर रहा हूँ ... उम्मीद है आप अन्यथा नहीं लेंगे |
सपेरे बीन बजाइए रे
जवाब देंहटाएंम्हारी गली में आइये रे
ये इन्सां है जो छोटा सा
ये नेता जो खोटा सा
अजगर ये जो मोटा सा
इन्हें पकड़ ले जाइए रे
जीव जंतु जो है सारे
इन्सां इन्हें पकड़ मारे
जीव आत्मा तो ज़िंदा
पर तन की तंगी है भारी
भीड़ जो तू ये देख रहा
जीव जंतु की है सारी
शेर बघेरे और भेडिये
अब इन्सां बन जाइए रे
म्हारी गली में आइये रे ......................
इतनी ऊर्जा का उचित प्रयोग भी तो हो सकता है ....
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