लाज, शर्म और हया की
आज उठा दो डोली
फिर जी भर कर खेलो होली //
खाकर पुआ और दहीबाड़ा
निकली बच्चों की टोली
लिए रंग-बिरंगी पिचकारी
और गुलाल की पोटली //
लाज, शर्म और हया की
आज उठा दो डोली
फिर जी भर कर खेलो होली //
जीजा के घर आई साली
देवर, भाभी संग करे ठिठोली
सरहज के पीछे भागे नंदोई
लिए रंग से भारी हथेली //
लाज, शर्म और हया की
आज उठा दो डोली
फिर जी भर कर खेलो होली //
बहुत बढ़िया.
जवाब देंहटाएंआपको होली की सपरिवार हार्दिक शुभ कामनाएं!
सादर
बड़ा मज़ेदार दृश्य खींचा है होली का।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना.. मीठे मीठे पुऐ याद आ गए..
जवाब देंहटाएंहोली की सपरिवार शुभकामनायें........
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...होली की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंहोली का त्यौहार आपके सुखद जीवन और सुखी परिवार में और भी रंग विरंगी खुशयां बिखेरे यही कामना
जवाब देंहटाएंWish you Happy holi
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति...होली की हार्दिक शुभकामनायें !
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