जब तुम आई दिल की गली //
मक्खन सी फिसलन तेरी बाँहों में
खिला कचनार तेरी अधरों में
उर से है, अब मकरंद टपकता
जवा हुई अब उर की फली //
खिली प्यार की एक कली
जब तुम आई दिल की गली
चाँद भी धोखा खा जाएगा
सावन भी ठगा रह जाएगा
जो देखे तेरा प्रचोदित यौवन
तुम्हें खोजता वह गली-गली //
खिली प्यार की एक कली
जब तुम आई दिल की गली//
A blossoming bud of love
I heart you lane / /
Slippery butter in your arms
Bauhinia feeding of your lips
Ur, now dripping nectar
Now, ur Jwa pod / /
A blossoming bud of love
I heart you Alley
The moon will be betrayed
Sawan also will be duped
See that thy youth Prchodit
Finding you the street - street / /
A blossoming bud of love
I heart you lane / /
यार !तुम भी गजब करते हो ,यह उम्र और तबीयत खराब करते हो .ये पीनस्तनी कहाँ से लाते हों ,औरों को क्यों तड़पाते हो.
जवाब देंहटाएंकृपया यहाँ भी पधारें -
"आतंकवादी धर्मनिरपेक्षता "-डॉ .वागीश मेहता ,डी .लिट .,/ http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/
ram ram bhai/
बृहस्पतिवार, 23 अगस्त 2012
Neck Pain And The Chiropractic Lifestyle
Neck Pain And The Chiropractic Lifestyle
आपके लेखन और चित्र चयन का मैं कायल हो गया , चित्र लाजवाब है किन्तु परिवार के साथ रचना को पढ़ते हुए बेटी से चर्चा योग्य है क्या ? विचार कर देखेंगे ?
जवाब देंहटाएंPandey ji ye chitra kahan se le ke aate ho. kabita men to kuch khas nahi hai lekin chitra ka accha khasa bhandar hai aapk blog mein.
जवाब देंहटाएंकिसी वस्तु को कैसे देखे यह आप पर निर्भर करता है
जवाब देंहटाएंवाह! क्या शब्दों का चयन है। लाजवाब।
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