(बिना अनुमति के रचना न लें ) विविध रंग की कविताएं
आइए...अजनबियों से दोस्ती का हाथ बढ़ायेशायद वे ...आपने न जाने किस रूप में नारायण मिल जाए को साकार कर दिया ....
आभार रमाकांत भाई जी
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति,,,,गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,recent post: गुलामी का असर,,,
aabhar धीरेन्द्र भाई
बहुत सुंदर भावनाए ,गणतंत्र दिवस की शुभ कामनाये
शुक्रिया पूनम जी
बिलकुल सच ! कोई अजनबी नहीं होता । जिसे अपनी भी समझ नहीं है, वही चेतना अजनबी होने के एहसास से छोटी होती चली जाती है ।
आभार सुनील सिंह जी
उम्दा प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत बधाई...६४वें गणतंत्र दिवस पर शुभकामनाएं...
बढ़िया!
आइए...
जवाब देंहटाएंअजनबियों से दोस्ती का हाथ बढ़ाये
शायद वे ...
आपने न जाने किस रूप में नारायण मिल जाए को साकार कर दिया ....
आभार रमाकांत भाई जी
हटाएंबहुत सुंदर अभिव्यक्ति,,,,
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,
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aabhar धीरेन्द्र भाई
हटाएंबहुत सुंदर भावनाए ,गणतंत्र दिवस की शुभ कामनाये
जवाब देंहटाएंशुक्रिया पूनम जी
हटाएंबिलकुल सच ! कोई अजनबी नहीं होता । जिसे अपनी भी समझ नहीं है, वही चेतना अजनबी होने के एहसास से छोटी होती चली जाती है ।
जवाब देंहटाएंआभार सुनील सिंह जी
हटाएंउम्दा प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत बधाई...६४वें गणतंत्र दिवस पर शुभकामनाएं...
जवाब देंहटाएंबढ़िया!
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