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रविवार, 17 फ़रवरी 2013

तुम हार गए बसंत !


(photo.. ROLI Pathak ,Bhopal )बसंत आ गया है ...
इसकी जानकारी अखबार से हुई
या फिर, कम्पूटर में सुंदर फूलों को देखकर
मैं ठीक से कह नहीं सकता //


वैसे  बगीचे में
फुल तो महकें होंगे
आम्र-मंजरियाँ महकी होंगी
मगर, गटर के गंदे पानी के गंध से
हुई जंग में हार गई होगी.//

कोयल कूकी होगी 
मगर उसकी कूक दब गई होगी 
मोबाइल के रिंग टोन में //

श्री मति जी वासंती साड़ी पहनी ज़रूर है 
मगर, उनकी मुस्कुराहटों में बसंत नहीं दिखता


16 टिप्‍पणियां:

  1. वाह!
    आपकी यह प्रविष्टि आज दिनांक 18-02-2013 को चर्चामंच-1159 पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ

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  2. श्री मति जी वासंती साड़ी पहनी ज़रूर है
    मगर, उनकी मुस्कुराहटों में बसंत नहीं दिखता


    सचमुच मौसम के साथ मन और लोगों ने भी रंग बदल डाला है

    जवाब देंहटाएं
  3. बधाई आदरणीय-
    सुन्दर कथ्य-
    शुभकामनायें-

    वेलेंटाइन को सभी, करते आज प्रोमोट |
    रति-अनंग की रुत नई, देह खोट के पोट |
    देह खोट के पोट, मोट बाजारू-पन है |
    यह बसंत अब छोट, घोटता अपना मन है |
    कोयल लेती कूक, मंजरी भी है फाइन |
    लेकिन भरी पड़े, मित्र यह वेलेंटाइन ||

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  4. वहा क्या बात है बसंत ऋतू की आपको हार्दिक बधाई
    उत्कर्ष रचना

    मेरी नई रचना
    फरियाद
    एक स्वतंत्र स्त्री बनने मैं इतनी देर क्यूँ
    दिनेश पारीक

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  5. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  6. वसंत को अपने दिल में महसूस करें ...फूल पत्तों की क्या बात ...वो तो आज हैं कल नहीं

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    उत्तर
    1. मगर बिना फुल पत्ती देखे.. और कुक सुने कैसा बसंत

      हटाएं
  7. क्या खोब कहा आपने पांडे जी
    वासंती मुस्कुराहटें आती नहीं नज़र......
    साभार........

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  8. बढ़िया अभिव्यक्ति ... बसंत ऋतू की बधाई

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  9. वाह बसंत के तमाम रंग श्री मति जी में देखते हैं आप .कहाँ गईं वह साड़ी रूपसियाँ और शब्द चित्र .बढ़िया प्रस्तुति है शहरी पर्यावरण के गंधाने की लेकिन वह रूपसी गईं कहां
    तमाम की तमाम कविता को शब्द देती हुई सी .

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  10. बहुत ही सुन्दर और सटीक रचना

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  11. बहुत सुन्दर ......
    शहरों से तो बसंत अब ओझल हो गया है ....
    मन में रह सके ये भी एक उपलब्धि होगी ....



    Anu joshi ...

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  12. उनकी मुस्कराहट में वसंत नहीं दीखता है , बिलकुल सही नहीं है , वरन हमारी भाभी श्री (रोली भाभी) की चित्र में तो सदेव वासंती मुस्कुराहट रहती है ,
    क्षमा करे में आप की पंक्तियों से सहमत नहीं हूँ ,

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