इसकी जानकारी अखबार से हुई
या फिर, कम्पूटर में सुंदर फूलों को देखकर
मैं ठीक से कह नहीं सकता //
वैसे बगीचे में
फुल तो महकें होंगे
आम्र-मंजरियाँ महकी होंगी
मगर, गटर के गंदे पानी के गंध से
हुई जंग में हार गई होगी.//
कोयल कूकी होगी
मगर उसकी कूक दब गई होगी
मोबाइल के रिंग टोन में //
श्री मति जी वासंती साड़ी पहनी ज़रूर है
मगर, उनकी मुस्कुराहटों में बसंत नहीं दिखता
वाह!
जवाब देंहटाएंआपकी यह प्रविष्टि आज दिनांक 18-02-2013 को चर्चामंच-1159 पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ
कितनी सटीक बात ...खूब
जवाब देंहटाएंश्री मति जी वासंती साड़ी पहनी ज़रूर है
जवाब देंहटाएंमगर, उनकी मुस्कुराहटों में बसंत नहीं दिखता
सचमुच मौसम के साथ मन और लोगों ने भी रंग बदल डाला है
बधाई आदरणीय-
जवाब देंहटाएंसुन्दर कथ्य-
शुभकामनायें-
वेलेंटाइन को सभी, करते आज प्रोमोट |
रति-अनंग की रुत नई, देह खोट के पोट |
देह खोट के पोट, मोट बाजारू-पन है |
यह बसंत अब छोट, घोटता अपना मन है |
कोयल लेती कूक, मंजरी भी है फाइन |
लेकिन भरी पड़े, मित्र यह वेलेंटाइन ||
बहुत बहुत आभार रविकर भाई
हटाएंबहुत शानदार सटीक प्रस्तुति,,,शुभकामनायें-
जवाब देंहटाएंrecent post: बसंती रंग छा गया
वहा क्या बात है बसंत ऋतू की आपको हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंउत्कर्ष रचना
मेरी नई रचना
फरियाद
एक स्वतंत्र स्त्री बनने मैं इतनी देर क्यूँ
दिनेश पारीक
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जवाब देंहटाएंवसंत को अपने दिल में महसूस करें ...फूल पत्तों की क्या बात ...वो तो आज हैं कल नहीं
जवाब देंहटाएंमगर बिना फुल पत्ती देखे.. और कुक सुने कैसा बसंत
हटाएंक्या खोब कहा आपने पांडे जी
जवाब देंहटाएंवासंती मुस्कुराहटें आती नहीं नज़र......
साभार........
बढ़िया अभिव्यक्ति ... बसंत ऋतू की बधाई
जवाब देंहटाएंवाह बसंत के तमाम रंग श्री मति जी में देखते हैं आप .कहाँ गईं वह साड़ी रूपसियाँ और शब्द चित्र .बढ़िया प्रस्तुति है शहरी पर्यावरण के गंधाने की लेकिन वह रूपसी गईं कहां
जवाब देंहटाएंतमाम की तमाम कविता को शब्द देती हुई सी .
बहुत ही सुन्दर और सटीक रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ......
जवाब देंहटाएंशहरों से तो बसंत अब ओझल हो गया है ....
मन में रह सके ये भी एक उपलब्धि होगी ....
Anu joshi ...
उनकी मुस्कराहट में वसंत नहीं दीखता है , बिलकुल सही नहीं है , वरन हमारी भाभी श्री (रोली भाभी) की चित्र में तो सदेव वासंती मुस्कुराहट रहती है ,
जवाब देंहटाएंक्षमा करे में आप की पंक्तियों से सहमत नहीं हूँ ,