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शुक्रवार, 14 जून 2013

ए लेटर टू डैड

हाय डैड !
एम हैपी ऐन्ड यू
एक पेपर में बैक क्या लगा
तुमने मेरा मिनट टू मिनट प्रोग्राम पूछ डाला
लो पढ़ लो!
माँ को मत बताना
आप पर ही गुस्सा होगी वो!

आठ बजे की रिंग
टोन लगा रखी मैंने
फटाफट  उठता हूँ
फिर बाथ-रूम
ढेर सार डियो  स्प्रे करता हूँ
ये मत पूछना पापा !
हनुमान चालीसा क्यों नहीं पढ़ते
दैथ्स बोरिंग !

अरे कालेज  क्या जाना !
टीचर  हैं कहाँ पढ़ाने वाले
जो भी पढता हूँ कोचिंग में
फिर दिन भर ....
माल../ मल्टीप्लेक्स और गर्ल फ्रेंड
दिन का खाना
किसी रेस्टोरेंट में /अपनी गर्ल-फ्रेंड के साथ

और सुनो !
थककर बोर होने के बाद
फेसबुक
रात के दो बजे तक
हंसी-मजाक ,फोटो और विडिओ शेयर //

और सुनो डैड !
दस हज़ार मेरे ए टी ऍम  में भेज दो
नहीं भेजना  चाहते
नो प्रॉब्लम !
ढेर सारे ऑप्सन है अर्न करने के
सो रिलैक्स //
योर सन

7 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती,आभार।

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  2. नव युवाओं की ये सोच ... कहाँ ठहरेगी , इश्वर ही जाने...

    सटीक प्रस्तुति.

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आभार केवल जोशी जी हौसला आफजाई करते रहे

      हटाएं
  3. आज की ब्लॉग बुलेटिन तार आया है... ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

    जवाब देंहटाएं
  4. मेरा पोस्ट शेयर करने हेतु आभार

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत ही अच्छी लगी मुझे रचना........शुभकामनायें ।

    जवाब देंहटाएं

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