(बिना अनुमति के रचना न लें ) विविध रंग की कविताएं
वाह रे नेता .........
आभार मुकेश भाई ..
वाह ! गजब का होता है नेता पहले राजनीति तक ही था बस सीमित सीमितअब तो घर घर में होता है नेता :)
जात न पूछो संतों की...अरे...नेता की...
वाह रे नेता .........
जवाब देंहटाएंआभार मुकेश भाई ..
हटाएंवाह !
जवाब देंहटाएंगजब का होता है नेता
पहले राजनीति तक ही
था बस सीमित सीमित
अब तो घर घर में होता है नेता :)
जात न पूछो संतों की...अरे...नेता की...
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