कुत्ते घोसला नहीं बनाते !
बुझे राख की आग पर बैठ
गुजार लेते है अपना वक़्त
चुप रहते है
जब तक खिलाता है कोई
मख्खनदार बिस्कुट
खाने के लिए
पिने के लिए
और झगड़ पड़ते है
किसी कुतिया के लिए भीं
गौर फरमाएं ...
शायद की कोई
हिन्दू गली का कुत्ता
मुसलमान को देखकर ना भूके
या फिर मुस्लिम गली का कुत्ता
हिंदुओं को देखकर//
और सबसे बड़ी बात
सिर्फ सड़क छाप कुत्ते ही नहीं
पालतू कुत्ते भी काट लेते है
मालिक को
वैसे कुत्ते चुनिए
जो भौकने के अलावे
और भी कुछ जानता हो
और
न करता हो पेशाब इधर-उधर
अपनी टांगें उठाकर //
बुझे राख की आग पर बैठ
गुजार लेते है अपना वक़्त
चुप रहते है
जब तक खिलाता है कोई
मख्खनदार बिस्कुट
खाने के लिए
पिने के लिए
और झगड़ पड़ते है
किसी कुतिया के लिए भीं
गौर फरमाएं ...
शायद की कोई
हिन्दू गली का कुत्ता
मुसलमान को देखकर ना भूके
या फिर मुस्लिम गली का कुत्ता
हिंदुओं को देखकर//
और सबसे बड़ी बात
सिर्फ सड़क छाप कुत्ते ही नहीं
पालतू कुत्ते भी काट लेते है
मालिक को
वैसे कुत्ते चुनिए
जो भौकने के अलावे
और भी कुछ जानता हो
और
न करता हो पेशाब इधर-उधर
अपनी टांगें उठाकर //
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (23-02-2014) को " विदा कितने सांसद होंगे असल में" (चर्चा मंच-1532) पर भी होगी!
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
और वो क्या करे जो खुद एक कुत्ता हो जा रहा होता है किसी का भी कभी भी :)
जवाब देंहटाएंवाह, बहुत खूब
जवाब देंहटाएं.बहुत सार्थक सोच...एक एक पंक्ति गहन अहसासों से परिपूर्ण और दिल को छू जाती है
जवाब देंहटाएंआग्रह है-- हमारे ब्लॉग पर भी पधारे
शब्दों की मुस्कुराहट पर ...खुशकिस्मत हूँ मैं एक मुलाकात मृदुला प्रधान जी से
सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएंअब कितने तरह के गुण वाले कुत्ते लाएं
जवाब देंहटाएंसुंदर व्यंग्य .....
जवाब देंहटाएंकृपया मेरे ब्लॉग पर भी आएँ ..
जवाब देंहटाएंhttp://sriijan.blogspot.in/