एक पत्रकार नरक में गया ...
उसने वहाँ कुछ घड़ियाँ देखी
कुछ घडी तेज चल रही थी
कुछ धीरे धीरे
एक घडी तो बिलकुल बंद थी
उसने पूछा ..
ऐसा क्यों हो रहा है ..
... नर्क के .. कर्मचारी ने बताया
जो जितना झूठ पृथिवी पर बोला
उसकी घडी उतनी तेज चल रही है
जो घडी नहीं चल रही है
वह विवेकानंद की घडी है ..
पत्रकार ने ..पूछा ..
नेताओं की घडी किधर है ..
कर्मचारी ने कहा ..
वह तो आफिस में लगी है ..
वो क्यों ..
क्योकि वह बहुत तेज घुमती है ...
हमलोग उसे पंखे की तरह
इस्तेमाल कर रहे हैं
( (टाइम्स ऑफ़ इंडिया से साभार )
बहुत बढ़िया कटाक्ष ... आभार
जवाब देंहटाएंbahut khoob:)
जवाब देंहटाएंनेताओं की हवाबाज़ी ...!!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ...
नर्क के .. कर्मचारी ने बताया
जवाब देंहटाएंजो जितना झूठ पृथिवी पर बोला
उसकी घडी उतनी तेज चल रही है
जो घडी नहीं चल रही है
वह विवेकानंद की घडी है ..
SHANDAR BHAIYA JI
:-)
जवाब देंहटाएंअनु
बढ़िया प्रस्तुति पाण्डेय जी नेताओं की तो हर बात निराली होती है
जवाब देंहटाएंनेताओ की घड़ी
जवाब देंहटाएंएक पत्रकार नरक में गया ...
उसने वहाँ कुछ घड़ियाँ देखी
कुछ घडी (घड़ी )तेज चल रही थी.(थीं ).....घड़ी.....थीं
कुछ धीरे धीरे
एक घडी तो बिलकुल बंद थी
उसने पूछा ..
ऐसा क्यों हो रहा है ..
... नर्क के .. कर्मचारी ने बताया
जो जितना झूठ पृथिवी पर बोला........पृथ्वी ....
उसकी घडी उतनी तेज चल रही है
जो घडी(घड़ी) नहीं चल रही है.......घड़ी ....
वह विवेकानंद की घडी है ..
पत्रकार ने ..पूछा ..
नेताओं की घडी किधर है ..
कर्मचारी ने कहा ..
वह तो आफिस में लगी है ..
वो क्यों ..
क्योकि वह बहुत तेज घुमती है .......घूमती है ....
हमलोग उसे पंखे की तरह..................यार बब्बन पांडे यह कविता अंग्रेजी के अखबार में कैसी छप सकती है ?अखबार का नाम चेक करें .रचना बढ़िया लाएं हैं .आभार .
इस्तेमाल कर रहे हैं
( (टाइम्स ऑफ़ इंडिया से साभार )
बहुत बढिया....
जवाब देंहटाएं:-)
जवाब देंहटाएंवाह - वाह
जवाब देंहटाएंGandhi jee ka ghari kidar hai :)
जवाब देंहटाएंWonderful and befitting satire. Politicians of today are criminal and deserve to be condemended.
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