आओ मेरे घर की छत पर
... तुमसे दोस्ती करना चाहता हूँ ..
वादा करता हूँ ..
तुम्हें पिजरे में कैद नहीं करूंगा//
आओ ! सुनो
मैंने अपने छत पर
नहीं लगवाया है मोबाइल टावर
खतरनाक किरणें निकलती हैं उससे //
मैं छत पर रोज डालूँगा
एक कटोरी पानी
और थोड़े से अनाज ..
सिर्फ..और सिर्फ तुम्हारे लिए//
.. बात ऐसी है ..
अगर तुम नहीं बचोगी ..
तो मेरे बच्चे तुम्हें कैसी देखेंगे //
आओगी न !
मेरी प्यारी चिड़ियाँ
... तुमसे दोस्ती करना चाहता हूँ ..
वादा करता हूँ ..
तुम्हें पिजरे में कैद नहीं करूंगा//
आओ ! सुनो
मैंने अपने छत पर
नहीं लगवाया है मोबाइल टावर
खतरनाक किरणें निकलती हैं उससे //
मैं छत पर रोज डालूँगा
एक कटोरी पानी
और थोड़े से अनाज ..
सिर्फ..और सिर्फ तुम्हारे लिए//
.. बात ऐसी है ..
अगर तुम नहीं बचोगी ..
तो मेरे बच्चे तुम्हें कैसी देखेंगे //
आओगी न !
मेरी प्यारी चिड़ियाँ
अगर तुम नहीं बचोगी ..तो मेरे बच्चे तुम्हें कैसी देखेंगे //
जवाब देंहटाएंइन लुप्त होती चिड़ियों को तो सहेजना ही होगा
मैं छत पर रोज डालूँगा
जवाब देंहटाएंएक कटोरी पानी
और थोड़े से अनाज ..
सिर्फ..और सिर्फ तुम्हारे लिए//
अच्छे ख्यालात,,,जरूर आयेगी चिड़िया,,,,
RECENT POST: तेरी फितरत के लोग,
एक पुराने गीत की याद दिला दी आपने-
जवाब देंहटाएंचूं-चूं करती आई चिडिया दाल का दाना लाई चिड़िया मोर भी आया कौवा भी आया ..........................
मैं छत पर रोज डालूँगा
जवाब देंहटाएंएक कटोरी पानी
और थोड़े से अनाज ..
सिर्फ..और सिर्फ तुम्हारे लिए//
.. बात ऐसी है ..
अगर तुम नहीं बचोगी ..
तो मेरे बच्चे तुम्हें कैसी देखेंगे //
धन्य हो आपका पक्षी प्रेम.
शब्दों की जीवंत भावनाएं... सुन्दर चित्रांकन
जवाब देंहटाएंपोस्ट दिल को छू गयी.......कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने..........बहुत खूब
बेह्तरीन अभिव्यक्ति .आपका ब्लॉग देखा मैने और नमन है आपको
और बहुत ही सुन्दर शब्दों से सजाया गया है लिखते रहिये और कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
बहुत व्यवहारिक रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
कल 12/10/2012 को आपकी यह खूबसूरत पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
अंधाधुंध आधुनिकता हमारी पीढ़ी से बहुत कुछ छीन रही है,,, पहले ये चलन था, शौक था लोगों का चिड़ियों को दाना पानी देना, लोगों की सिमटती सोच, और भागमभाग ने इन चोजों को छिना है.... अच्छा संदेश देने की कोशिश है, लोग इस तरह फिर से करने लगे तो इन प्राणियों का भी कल्याण हो जाएगा
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना | कृपया फोंट का आकार बढ़ा दें | छोटे अक्षर पढ़ने में थोड़ी मुश्किल कर रहें हैं |
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट:- ओ कलम !!
विलुप्त होती चिड़ियों के लिए सार्थक प्रयास ...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ख्याल
जवाब देंहटाएंमैं छत पर रोज डालूँगा
जवाब देंहटाएंएक कटोरी पानी
और थोड़े से अनाज ..
सिर्फ..और सिर्फ तुम्हारे लिए
बहुत मार्मिक ..संवेदनाओं एवं स्नेह की चिड़िया सदा आये मन के द्वारे....
बहुत सुन्दर बिचार है
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ..जरूर आयेगी चिड़िया ...स्नेह की गीत गायेगी चिड़िया....
जवाब देंहटाएंसुंदर भाव ।
जवाब देंहटाएं