(बिना अनुमति के रचना न लें ) विविध रंग की कविताएं
bahut badhiya
शुक्रिया विकाश मोगा जी
भैया जी आपके पांच वर्णों और दो शब्दों ने पुरे रचना को कहाँ से कहाँ पहुंचा दिया ज़रा ध्यान दें मैं लेटी थी , वो लेटा था ,मैं निचे थी , वो ऊपर था फर्क बस इतना था ऐ समझने वालों मैं माँ थी , वो बेटा था
बबन जी,,,बहुत खूब शूरत प्रस्तुति,,,,RECECNT POST: हम देख न सके,,,
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जवाब देंहटाएंशुक्रिया विकाश मोगा जी
जवाब देंहटाएंभैया जी आपके पांच वर्णों और दो शब्दों ने पुरे रचना को कहाँ से कहाँ पहुंचा दिया
जवाब देंहटाएंज़रा ध्यान दें
मैं लेटी थी , वो लेटा था ,
मैं निचे थी , वो ऊपर था
फर्क बस इतना था
ऐ समझने वालों
मैं माँ थी , वो बेटा था
बबन जी,,,बहुत खूब शूरत प्रस्तुति,,,,
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