रिश्वत का बोलबाला है..
कोई काम हो तो कैसे
रिश्वत दी मैने उन्हें
मीठी बोली की //
प्यार पाने को लोग
रिश्वत देते है फूलों की
जानते हैं !
आज सूरज क्यों है चमकीला और गर्म
जी हाँ !
चाँद ने रिश्वत दी है सूरज को
वह जितना गर्म होगा
चांदनी राज करेगी
सबके दिलों पर
WOW aaapane to KAYANAT ko bhi baandh diya aur lapet liya rishwat men...
जवाब देंहटाएंविषय काल के अनुकूल और सुधारात्मक है !
जवाब देंहटाएंआभार वंदना जी , रमाकांत जी ,देवदत्त प्रसून जी
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना बब्बन जी
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंसाझा करने के लिए आभार!