तुममें इतनी ताकत नहीं कि
हवाओं को पटक सको
बादलों को रोक सको
फूलों से खुशबू छीन सको
और तो और
मुगियों को कटने से रोक सको //
मगर तुममें बहुत ऊर्जा है
संवेदनशील से संवेदनहीन बन जाने के लिए
क्षण में विचारों को पलट देने के लिए
माँ- बहनों को नंगा करने के लिए
जरा सोचो ..
तुम्हारी ऊर्जा का वहाब किधर जा रहा है
हवाओं को पटक सको
बादलों को रोक सको
फूलों से खुशबू छीन सको
और तो और
मुगियों को कटने से रोक सको //
मगर तुममें बहुत ऊर्जा है
संवेदनशील से संवेदनहीन बन जाने के लिए
क्षण में विचारों को पलट देने के लिए
माँ- बहनों को नंगा करने के लिए
जरा सोचो ..
तुम्हारी ऊर्जा का वहाब किधर जा रहा है
बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना !
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