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मुझे पता है ...
बालू,बजरी और ईटों का
अलग से कोई बजूद नहीं होता
जब तक उसमे सीमेंट न मिली हों/
मेरे भाई /दोस्त /रिश्तेदार
सब ईट/बालू/बजरी की तरह है
अलग -अलग
मुझे सीमेंट की ज़रूरत है प्रिय
इन्हें जोड़ने के लिए //
आकर
एक बार मुस्कुरा दो
मुझे यकीन है
तुम्हारी मुस्कराहट
सबके लिए सीमेंट बनेगी //