मुखिया जी पूरी मस्ती थे उनके पंचायत में २० शिक्षक की बहाली जो होनी थी . शिक्षक बनने वाले उम्मीदवार उनसे संपर्क साध रहे है मगर जो संपर्क कर रहे है उनका प्राप्तांक ५०% ही है मुखिया जी कहते है ... बहाली हो जायेगी दो लाख लगेंगे. बात मेरी समझ में भी नहीं आई कि ७०-८०% अंक लाने वालों का न होकर ५०% वालों का कैसे हो जाएगा
मगर मुखिया जी के दिमाग को दाद देना होगा, बड़ा ही आसन तरीका था . मुखिया जी ने अपने पचायत में शिक्षक बहाली के लिए जो आवेदन लिया उनका प्रतिशत ५०% से नीचे ही था अधिक प्रतिशत अंक लाने वालों का आवेदन लिया ही नहीं,एक- दो लिया भी ,तो कोई न कोई कारण बनाकर निरस्त कर दिया ....
आजकल यही तरीका फल-फुल रहा है.बेहतरीन संदेश.
जवाब देंहटाएंइस तरह की संस्कृति का बीज़ारोपण व खाद्पानी प्रदान कर फलने फूलने का अवसर उपलब्ध कराने वालों को उखाड़ फैकने में अब बिलकुल भी देर नहीं करनी चाहिये
जवाब देंहटाएंहे भगवन, क्या ऐसा भी होता है..........???
जवाब देंहटाएंउम्दा सन्देश ,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST: होली की हुडदंग ( भाग -२ )
यही तो चल रहा है.हर जगह यही सब....
जवाब देंहटाएंसाभार.....
हर जगह राग दरबारी चल रहा है...
जवाब देंहटाएंनियमों को ताक में रखकर कुछ भी कर दिया जाता है
जवाब देंहटाएंसार्थक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंजीवंत
बहुत बहुत बधाई
आग्रह है मेरे ब्लॉग में भी सम्मलित हों
मुझे ख़ुशी होगी