(बिना अनुमति के रचना न लें ) विविध रंग की कविताएं
बहुत सुन्दर..सब्जी लेने के लिये मंडी में जाने की ज़रूरत नहीं..
ओह सब्जी वाली को भी ना छोड़ा ..सब्जी बना के रख दिया उस बेचारी को ..:))
बढिया, क्या बात है
sach hai jahan na pahunche ravi..wahan pahunche kavi
फूलगोभी सी हंसी तुम्हारी waah kya baat hai /
बहुत सुन्दर..सब्जी लेने के लिये मंडी में जाने की ज़रूरत नहीं..
जवाब देंहटाएंओह सब्जी वाली को भी ना छोड़ा ..सब्जी बना के रख दिया उस बेचारी को ..:))
जवाब देंहटाएंबढिया, क्या बात है
जवाब देंहटाएंsach hai jahan na pahunche ravi..wahan pahunche kavi
जवाब देंहटाएंफूलगोभी सी हंसी तुम्हारी
जवाब देंहटाएंwaah kya baat hai /