सत्य की मैं टांग खीचता
झूठ को ताज पहनाता हूँ
काला धन को भी मैं
उजला कर दिखलाता हूँ
औरत के आंसू न पोछू
लुट लेता हूँ उसका शील
मैं हूँ भारत का वकील //
बात -बात पर खिचू
मैं कानून का बाल
तर्कों का छुरा मै घोपू
पुछू बेतुका सवाल
उन चोटों को मैं नहीं देखता
जिसने तोड़ा आपका दिल
मैं हूँ ,भारतीय वकील //
बिलकुल सही कहा सर!
जवाब देंहटाएंbilkul sahi....
जवाब देंहटाएंye sab tabhi tak kaha ja sakta hai jabtak aap ya any kisi ko vakil ki jarurat naa padi ho! khair doston ko wakil ki kabhi jarurat na aan pade ,aisi duaa haradam karta rahoonga.
जवाब देंहटाएंवाह ... बहुत सुन्दर मन को भावुक कर दिया आभार / शुभ कामनाएं
जवाब देंहटाएं....Aur apni jeb mein kabhi haath nahin daalta hooooon!
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