नोक -झोंक है क्या
बहुत माथा-पच्ची की
आप भी उदहारण से ही समझे //
अगर पत्नी ने
कहा--मेरा जेवर पुराना हो गया है
इस बदलकर थोड़ा भारी
जेवर ले
दो//
अगर आपका उत्तर है
चलो अभी चलो
सुनार की दूकान
तो ये हुई प्यार की बातें
अगर आपने गलती से कह दी
"क्या करोगी गहने लेकर
तो आपने नोक -झोंक की शुरुआत कर दी //
यानी
सकारात्मक जवाब -- प्यार
ऋणात्मक जवाब - नोक -झोंक //
sahi hai ek dum
जवाब देंहटाएंसकारात्मक के साथ उसी अनुपात में नकारात्मक प्रसंग को मिला दिया जाय तो उसके नतीजे को पक्का प्यार कहा जायेगा! नोक-झोंक से ही प्यार की गहराई और उसकी मजबूती मापी जा सकती है सो नोक-झोंक 'सुखद' मगर मशालेदार घटना है.... शाम के समय चाय के साथ.... बड़ा अछ्छा वक़्त होता है..... ! दिन-भर की भागमभाग के बाद ऐसी एक अदद कप चाय तो बनता है!!
जवाब देंहटाएंसादर
बिलकुल सही.
जवाब देंहटाएंsahi kaha ...
जवाब देंहटाएंसटीक बात ..
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी तरह समझा है पत्नी के स्वभाव को..शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंbhai duniyadari ka buniyadi siddhant bataya hai aapne....
जवाब देंहटाएंAakarshan
भई ऐसी नोक - झोक पति से ही तो की जा सकती है, सात फेरों की कसमें और दीजिये सकारात्मक जवाब - प्यार...
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही.
जवाब देंहटाएंबड़ा मजेदार शब्द है...."नोक-झोंक"...खैर जब इसका अनुभव होगा तब देखेंगे....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना बाधाई
जवाब देंहटाएंपाण्डेय जी भाभी जी को न बोलोगे तो नोंक-झोंक तो होनी ही है......और फिर शादी के समय ही पंडित जी जो मौखिक अग्रीमेंट पढ़ के सुनाते हैं ...भाई ये भी तो उनमे से एक है.
जवाब देंहटाएंPyar kahin jeb par bhari pad gaya to !
जवाब देंहटाएंभई, विकत समस्या है ऐसी परिस्तिथि में स्वयं को बचा पाना, हाँ बोलें तो जेब कटी, न कहें तो बीबी रूठी,,,,
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