बसंत क्या आया ...
बागों में फूल खिले
भौरों ने कर ली उनसे दोस्ती
जी भरकर मधु बनाने लगे //
बसंत क्या आया ...
बागों में मंजर लदे
कोयल
ने कर ली उनसे दोस्ती
जी भर कर कूकने लगी //
बसंत आया है प्रिय!
हम क्यों बैठे है चुपचाप
आओ हम भी कर ले दोस्ती
और कर ले जी भरकर प्यार //
वसन्त आया ही नहीं अपने साथ प्रेम दिवस भी लाया है!
जवाब देंहटाएंबसंत आया है प्रिय!
जवाब देंहटाएंहम क्यों बैठे है चुपचाप
आओ हम भी कर ले दोस्ती
और कर ले जी भरकर प्यार /
बहुत सुन्दर...मौसम भी है दस्तूर भी है..
बसंत आया तो भवरे गुनगुनाने लगे
जवाब देंहटाएंमनकी धरा पर प्रितके फुल खिलखिलाने लगे
आ प्रिय आ जरा मनको भी तरल करले
हम बसंत की राग रागिनीओ को गले लगाने लगे ...
bahut sundar basant ..aur aapki rachna bhi sungar..
जवाब देंहटाएंजिस प्रकार फ़्रांस में वेलंटाइन डे है उसी तरह य बसंत पर्व है I बसंत का आगमन से सम्पूर्ण वातावरण में भीनी भीनी खुशबू, पीले पीले पल्लव, खिलखिलाता उत्स्सव स माहोल जब प्रक्रति ने दिया है तो हम सब क्यों न प्रेमौल्लास और उमंगो में नाचे, गायें और मस्त होकर जियें और औरों को भी प्रेरित करेंI
जवाब देंहटाएंbasant aaya hai ,navrag laya hai .
जवाब देंहटाएंवाह आज के दिन की मनमोहक कविता बेहद भायी।
जवाब देंहटाएंआपकी रचना के साथ आपको भी बसंत की शुभकामनाए।
जवाब देंहटाएंअच्छी वासंती रचना । बधाई !
जवाब देंहटाएंसच बबन भाई !!आपकी कविता पढ़कर बसंत के आगमन का एहसास हो गया ..प्रेमौल्लास और उमंगो का मौसम ......बहुत सुन्दर कविता !!
जवाब देंहटाएंआपको भी बसंत की शुभकामनाए!
जवाब देंहटाएंOh !!!!! bahut hi sundar .... man ko chhoo lene wali .....
जवाब देंहटाएंआपको भी बसंत की शुभकामनाए......बहुत सुन्दर कविता...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर.
जवाब देंहटाएंbasant ka mausam sab ka sarvpriy hai---kudrat ek badlab se doosre badlaab ki taraf kitni khoobsoorti se jaati hai--insaano ko to jhatke dene ki aadat hai --kudrat har pal sikha rahi hai lekin dimag ki aankhe kaun khile
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर रचना है भाई मज़ा आ गया
जवाब देंहटाएंAti sunder...
जवाब देंहटाएंआया वसंत...बहुत ही सुन्दर रचना!
जवाब देंहटाएंआओ हम भी कर ले दोस्ती
जवाब देंहटाएंऔर कर ले जी भरकर प्यार