फैशन शो में धक्के से मैडम गिरी उच्चके से हाई -हिल की टूट गई कील होने लगा बहुत बैड फिल ॥ गिरा रैम्प पर बैग उछलकर बोल पड़े सब ..... चलिए संभलकर ॥ हाई हिल की सैंडल पहन अब ना चलिएगा दुबारा नहीं तो आप बनती रहेगी हँसी का फौआरा ॥
हास्य व्यंग का एक अच्छा और बढ़िया प्रयास है बबन जी........ अगर कोई अपना काम ठीक से नहीं कर पाता तो वो हमेशा हंसी का पात्र बनेगा .....तो आप लोगो को हँसाने का काम भी जारी रखिये....
रैम्प पर चलने से याद आया कि जिंदगी कि कहानी भी कुछ इसी तरह से है..इंसान को अपनी जिंदगी में हज़ारों दिक्कतें आती है, कितनी बार वह गिर गिर कर संभालता है..ये हील तो एक बार के लिए ठीक भी हो जायेगी पर हमारे जीवन कि हील एक बार टूट गए तो फिर कभी ठीक न होगी..अंत में यही कहना चाहूँगा कि ये कविता एक बहुत हे उच्च कोटि कि हास्य व्यंग है...बहुत हे बढ़िया अंदाज़ में आपने अपनी बात को हम सब तक पहुँचाया..
वाह वाह .. अपने तरीके का वार्डरोब मैल्फंक्सन है ये भी
जवाब देंहटाएंbahut badiya
जवाब देंहटाएंइस सुन्दर रचना के लिए बधाई, बबन पांडे जी
जवाब देंहटाएं:) :) ...
जवाब देंहटाएंAnother jewel among ur poems.
जवाब देंहटाएं:):)
:)
जवाब देंहटाएंchoti si hansti hansati rachna!!!
हा हा हा हा हा हा जय हो जय हो !
जवाब देंहटाएंramp pe chalna bhi sabke bas ka nahi ,ha ha ha ,bahut khoob babban bhai
जवाब देंहटाएंha ha ha ha ha
जवाब देंहटाएंhehehe
जवाब देंहटाएंहास्य व्यंग का एक अच्छा और बढ़िया प्रयास है बबन जी........
जवाब देंहटाएंअगर कोई अपना काम ठीक से नहीं कर पाता तो वो हमेशा हंसी का पात्र बनेगा .....तो आप लोगो को हँसाने का काम भी जारी रखिये....
Hahahahahaha.......
जवाब देंहटाएंरैम्प पर चलने से याद आया कि जिंदगी कि कहानी भी कुछ इसी तरह से है..इंसान को अपनी जिंदगी में हज़ारों दिक्कतें आती है, कितनी बार वह गिर गिर कर संभालता है..ये हील तो एक बार के लिए ठीक भी हो जायेगी पर हमारे जीवन कि हील एक बार टूट गए तो फिर कभी ठीक न होगी..अंत में यही कहना चाहूँगा कि ये कविता एक बहुत हे उच्च कोटि कि हास्य व्यंग है...बहुत हे बढ़िया अंदाज़ में आपने अपनी बात को हम सब तक पहुँचाया..
जवाब देंहटाएंहा हा हा………………बहुत खूब्।
जवाब देंहटाएंजवाब नहीं।
जवाब देंहटाएंहा हा हा………………बहुत खूब्।
जवाब देंहटाएंआपकी हथेली में छेद
क्यों लगता है हैण्डपम्प का पानी ठंडा गर्मियों में
Waah...waah... Bhai Baban Ji, Bahut khub aap ka to koyi jabab hi nahi. Bahut hi sarahaniy Hasya vyang rachana.
जवाब देंहटाएंDhanyavaad.
wah bhai wah
जवाब देंहटाएंek aur dikash rachna---------thoda hat ke bt nice view on the present scenario,,,
जवाब देंहटाएं:)
जवाब देंहटाएं_/\_