बबन जी बनती हैं ना जनता राजा.......हर पांच साल में कुछ दिन के लिए.........कभी-२ यह ५ साल का समय कुछ कम भी हो जाता है......लेकिन जब यह समय आता हैं.तब जनता ही राजा.....और यह लोग नौकर होते हैं.....कितना अच्छा समय होता हैं.......कही.दारू बंट रही होती हैं तो कही पैसा.......कही सारी तो कही कम्बल.......
Baban ji Neta hamari bhavnao ko bhunaker apne swarth ki rotia seikte hai, vo hamari bhavnao se khilwaad karte hai, kyunki unhe aisa karne ki chhoot hamne hi di hai, vo her chunaav me hamare saamne hath bandhe khade ho jaate hai, aur hasker mun me kahte hai ki hame ek mauka aur do is baar tumhe kya desh ko bhi bechker kha jaayenge, aur ham kuch accha hoga isi aasha me phir unke jhanse me aa jaate hai, aaj jo neta satta me hai, vo hamari hi den hai, ham apne adhikaaro ki baat to karte hai, lekin kya unse jude kartavyo ke prati jaagruk hai? vote dene ke adhikaar ka proyog hamme se kitne log karte hai, aur iska phyada vo log puri tarah uthate hai, hamare vote ka galat upyog karke, to jab tak ham jaagruk nhi honge, apne kartvyo ke prati, yeh aise hi hamare adhikaro ka hanan karte rahenge.....
Bharat mein rajneeti nakaratmak hai, dalali, commission aur ghotalon se parwaan chadhti hai, aam jan ko kathputli bana kar apna ullu seedha karti hai. Poora loktantra iski lapet mein hai, har aam jan iski chapet mein hai. Poore desh ko apni anguliyon par nacha kar tak-dhina-dhin kar rahi hai. Wah ri Bharat ji rajneeti, nagin ki tarah balkhati hui apne poore rang mein hai, bachna bahut mushkil hai!
बेशक आज की 'राजनीति' गन्दी हो और 'नेता' शब्द गाली लगती हो पर 'राजनीति' अपने आप में एक क्रांति है जो समय-समय पर देखा और सुना भी गया है. उदहारण भरे परे हैं जैसे: हमारे देश के आज़ादी, साउथ अफ्रीका की आज़ादी श्री नेल्सन मंडेला के नेतृत्व में, महिलाओं, दलितों और पिछडो की मुख्यधारा में भागीदारी कुछ ज्वलंत उदहारण हैं. गन्दा 'राजनीति' सिर्फ नेताओं और पार्टियों के चलते नहीं बनी, इसमें हम-सब भी बराबर के भागी हैं. कुछ भी हो पाच साल में जो बहुमूल्य अधिकार हमें मिलता है या मिला हुआ है हम सब मिलकर जाती, धर्म, क्षेत्र, भाषा, सम्बन्ध, के नाम पर सिर्फ दुरूपयोग ही करते दीखते हैं, और वजह नेताओं और पार्टियों में ढूढ़ते है. राजनीति जितना अधिकार और अवसर नेताओं को देती है उतना 'हमें' भी पर अफ़सोस तब हम 'हम' नहीं रह पाते और 'गंदे' खेल की शुरुआत यही से हो जाती है...
भाई पुष्कर जी @...राजनीती अर्थात राज करने की निति ..इसका मतलब ...यहाँ के नेता ..पैसे कमाने का अर्थ समझाते है ..अच्छा हो ...सांसद और विधायक ..जिनके पास करोड़ों की संपत्ति है ..( घोषणा के affidavit देते है } के पद अवैतनिक कर दिया जाए
sir, some people are born to rule and the Janta is only to be ruled because of janta banti nahin balki hai hi KATHPUTALI jise democracy me bhi Kuch Parivar vishesh, jati vishesh,........ jaise visheshon ke aadhar par hi blind voting ki aadat hai, isi liye to hame jaroorat parti ek shashak parivar ki
बबन जी शासन की यही व्यवस्था होती है एक जिन पर राज किया जाए और दूसरे वो जो राजा हैं....राजनीति यह है की प्रजा भी राज व्यवस्था देख ले दे कर राजा बन सकती है...
बबन जी बनती हैं ना जनता राजा.......हर पांच साल में कुछ दिन के लिए.........कभी-२ यह ५ साल का समय कुछ कम भी हो जाता है......लेकिन जब यह समय आता हैं.तब जनता ही राजा.....और यह लोग नौकर होते हैं.....कितना अच्छा समय होता हैं.......कही.दारू बंट रही होती हैं तो कही पैसा.......कही सारी तो कही कम्बल.......
जवाब देंहटाएंBaban ji Neta hamari bhavnao ko bhunaker apne swarth ki rotia seikte hai, vo hamari bhavnao se khilwaad karte hai, kyunki unhe aisa karne ki chhoot hamne hi di hai, vo her chunaav me hamare saamne hath bandhe khade ho jaate hai, aur hasker mun me kahte hai ki hame ek mauka aur do is baar tumhe kya desh ko bhi bechker kha jaayenge, aur ham kuch accha hoga isi aasha me phir unke jhanse me aa jaate hai, aaj jo neta satta me hai, vo hamari hi den hai, ham apne adhikaaro ki baat to karte hai, lekin kya unse jude kartavyo ke prati jaagruk hai? vote dene ke adhikaar ka proyog hamme se kitne log karte hai, aur iska phyada vo log puri tarah uthate hai, hamare vote ka galat upyog karke, to jab tak ham jaagruk nhi honge, apne kartvyo ke prati, yeh aise hi hamare adhikaro ka hanan karte rahenge.....
जवाब देंहटाएंBharat mein rajneeti nakaratmak hai, dalali, commission aur ghotalon se parwaan chadhti hai, aam jan ko kathputli bana kar apna ullu seedha karti hai. Poora loktantra iski lapet mein hai, har aam jan iski chapet mein hai. Poore desh ko apni anguliyon par nacha kar tak-dhina-dhin kar rahi hai. Wah ri Bharat ji rajneeti, nagin ki tarah balkhati hui apne poore rang mein hai, bachna bahut mushkil hai!
जवाब देंहटाएंbaban bhai ye rajniti hai..yaha kisi na kisi ko to raja aur sipahi banana hi padega....kiska samay balwan hai ye woqt tay karta hai...
जवाब देंहटाएंdemocracy is for the people,by the people but unfortunately,in practice, it's all in the hands of selfish politicians!!!
जवाब देंहटाएंबेशक आज की 'राजनीति' गन्दी हो और 'नेता' शब्द गाली लगती हो पर 'राजनीति' अपने आप में एक क्रांति है जो समय-समय पर देखा और सुना भी गया है. उदहारण भरे परे हैं जैसे: हमारे देश के आज़ादी, साउथ अफ्रीका की आज़ादी श्री नेल्सन मंडेला के नेतृत्व में, महिलाओं, दलितों और पिछडो की मुख्यधारा में भागीदारी कुछ ज्वलंत उदहारण हैं. गन्दा 'राजनीति' सिर्फ नेताओं और पार्टियों के चलते नहीं बनी, इसमें हम-सब भी बराबर के भागी हैं. कुछ भी हो पाच साल में जो बहुमूल्य अधिकार हमें मिलता है या मिला हुआ है हम सब मिलकर जाती, धर्म, क्षेत्र, भाषा, सम्बन्ध, के नाम पर सिर्फ दुरूपयोग ही करते दीखते हैं, और वजह नेताओं और पार्टियों में ढूढ़ते है. राजनीति जितना अधिकार और अवसर नेताओं को देती है उतना 'हमें' भी पर अफ़सोस तब हम 'हम' नहीं रह पाते और 'गंदे' खेल की शुरुआत यही से हो जाती है...
जवाब देंहटाएं... behatreen !!!
जवाब देंहटाएंभाई पुष्कर जी @...राजनीती अर्थात राज करने की निति ..इसका मतलब ...यहाँ के नेता ..पैसे कमाने का अर्थ समझाते है ..अच्छा हो ...सांसद और विधायक ..जिनके पास करोड़ों की संपत्ति है ..( घोषणा के affidavit देते है } के पद अवैतनिक कर दिया जाए
जवाब देंहटाएंsir, some people are born to rule and the Janta is only to be ruled because of janta banti nahin balki hai hi KATHPUTALI jise democracy me bhi Kuch Parivar vishesh, jati vishesh,........ jaise visheshon ke aadhar par hi blind voting ki aadat hai, isi liye to hame jaroorat parti ek shashak parivar ki
जवाब देंहटाएंबबन जी शासन की यही व्यवस्था होती है एक जिन पर राज किया जाए और दूसरे वो जो राजा हैं....राजनीति यह है की प्रजा भी राज व्यवस्था देख ले दे कर राजा बन सकती है...
जवाब देंहटाएंrajniti ko ghate ka sauda banakar dekheN, rajniti me saNche log hi aayeNge.
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