.............(१)..........
अयोध्या को
हमने बना दिया है
एक अखाडा
जहां राम और रहीम का दंगल
कराने को आमदा है हमलोग ॥
ऊपर बैठा इश्वर
ठठाकर हंसता है
कहता है
मैंने बनाया मनुष्यों और जानवरों को
मगर जानवरों ने नहीं बनाया
अपना धर्म इंसानों की तरह ॥
............(२)................
मुझे तलाश है
हिन्दू धर्म मानने वाली
एक अदद गाय की
ताकि ,उसका दूध
मैं पी सकू और
पिला सकू अपने बच्चे को
क्योकि मैं हिन्दू हूँ ॥
मेरा मुस्लिम मित्र भी
तलाश में है
मुस्लिम धर्म मानने वाली गाय की
ताकि वह
उसका दूध अपने बच्चे को पिला सके ॥
हम दोनों
अयोध्या आये है
ऐसे ही गाय की खोज में
ओ !....
अयोध्या के मौलवियों /पूजारियो
अगर कही मिलता हो
अलग -अलग धर्म मानने वाले जानवर
तो अवश्य बताये ॥
-----------(३).......
अयोध्या .....
जहां मिलता था अहर्निश
शंख और घड़ियाल का स्वर
अब मिलती है
सैनिकों के बुटो की खटखटाहट ॥
मुस्लिम कहते है
वह मस्जिद कैसा
जिसमे नहीं पढ़ी गयी नवाज़ १२ वषों तक
हिन्दू कहते है
कण -कण में विराजते है राम ॥
तो फिर यह कैसी लड़ाई
कितना फर्क है
हमारी कथनी /करनी में
sach hai hum janmte hain insaanroop mein par insaaniyat virasat mein nahi milti... humanity is cultivated through our earthly existence!
जवाब देंहटाएंkahin padha tha-
"jhar gayi poonch ..romant jhare
pashuta ka jharna baki hai!
bahar bahar tan sanwar chuka
...man abhi sanwarna baki hai!!"
sandeshpurna kavitayen !
regards,
अयोध्या के मौलवियों /पूजारियो
जवाब देंहटाएंअगर कही मिलता हो
अलग -अलग धर्म मानने वाले जानवर
तो अवश्य बताये ॥....sundar tipnne aap ki !!!!!!!!!Nirmal paneri
thanka Anupama ji and Nirmal ji
जवाब देंहटाएंi agree in toto to you sir. the reality has been very aptly expressed
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