प्रस्तुत कविता उत्तरी बिहार के भौगोलिक स्थिति के मद्देनज़र लिखी गयी है ।
बरसा का मौसम
बाढ़ का मौसम
अब रोज उल्टेगे नाव
अखबारों में हम रोज पढ़ेगें
डूब कर
मरने वालों की खबरें ॥
बरसा का मौसम
दलदल का मौसम
अब रोज गिरेगें
बिजली के पोल और
टूटेगे बिजली के तार
अखबारों में हम रोज पढ़ेगें
करंट लगने से
मरने वालों की खबरें ॥
बरसा का मौसम
सांप का बिलों से
निकलने का मौसम
अखबारों में हम रोज पढ़ेगें
साँप के काटने से
मरने वालों की खबरें ॥
बरसा का मौसम
बीमारियो का मौसम
अस्पताल भर जायेगें
रोगियो से
अखबारों में हम रोज पढ़ेगें
कै- दस्त -डायरिया से
मरने वालों की खबरें ॥
बरसा का मौसम
आंधी -तूफान का मौसम
अब रोज उड़ेगे ...
गरीवो के घर का छप्पर
गिरेगे कच्चे मकान
अखबारों में हम रोज पढ़ेगें
दीवालों से दब कर
मरने वालों की खबरें ॥
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