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शनिवार, 10 जुलाई 2010

आओ , दोस्ती को पंख लगायें

दोस्ती ... एक कलम
और मित्रों का प्यार .....एक अमित स्याही
दोस्तों से गुजारिश
ये स्याही मुझे देते रहो
इस स्याही से लिखना है मुझे
एक ऐसी कहानी
जिसे पढ़कर ......
कोई कभी ना कहे
"दोस्त , दोस्त ना रहा " ॥


दोस्त .... एक कुदाल
और दोस्ती ....मेहनत
आओ ... साथ मिलकर
मोहब्बत के कुछ ऐसे पेड़ लगायें
जिसके फल
प्रभु के चरणों में रखे जा सकें ॥

दोस्त है.... फूल
और दोस्ती ...उसकी खुशबू
आओ ! मेरे दोस्त
दिल के बगीचे में
कुछ ऐसे फूल खिलायें
जिसकी खुशबू
सिर्फ हमलोग ही नहीं
हमारे आने वाले बच्चे भी सूंघे ॥

आओ दोस्तों !!!!
दोस्ती की नाम की चिड़िया को
स्वस्थ और सुन्दर पंख लागाये ॥

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