मेरी माँ मुझसे कहती है
बासी भोजन नहीं खाना चाहिए
मगर ...मैंने देखा
मेरी माँ स्वं
रात की बासी रोटी खा रही थी
माँ की पहली झूठ ॥
मेरी माँ मुझसे कहती है
रात को जल्दी सो जाना चाहिए
मगर मैंने देखा
जब पिता जी बीमार पड़े
रात -रात भर जागती रही माँ ॥
जाड़े की सर्द रातो में
जब नींद खुली ...
तब देखा
माँ मेरे शरीर पर कम्बल डाल रही है ॥
माँ की दूसरी झूठ ॥
मेरी माँ कहती है
दूध स्वस्थ आहार है
सबको दूध देती है
मगर मैंने देखा
सबको दूध देने के बाद
जब दूध कम हो गया
बचे दूध में पानी मिला दी मेरी माँ
उसका रंग उजला हो गया
सबने देखा और समझा
माँ भी दूध पी रही है
माँ की तीसरी झूठ ॥
पता नहीं
माँ ऐसे -ऐसे कितने झूठ बोलती है
मगर
उनकी झूठ में सच छिपा होता है ॥
…..vvvvvVery nice POST
जवाब देंहटाएंthanks Chirag Saree
जवाब देंहटाएंawesome!!!!!!!
जवाब देंहटाएंप्यार में बोले गये झूठ झूठ नहीं होते |
जवाब देंहटाएंये तो माँ का प्यार है जो झूठ बोल कर भी हमें खुश रखती हैं|
आपकी माँ को मेरा प्रणाम|