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सोमवार, 19 जुलाई 2010

जिंदगी तो बस ......

न ओर है , न छोर है
जिंदगी तो बस .....
आशाओ से बंधी डोर है ॥


धुप भी है ,छावं भी है
मिलन भी है , बिरह भी है
जिंदगी तो बस .....
आशाओ की चित्तचोर है ॥


कभी ज्वार है , कभी भाटा है
कभी लक्ष्मी है , कभी सरस्वती है
जिंदगी तो बस ......
अनगढ़े पत्थर सी कठोर है ॥

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