न ओर है , न छोर है
जिंदगी तो बस .....
आशाओ से बंधी डोर है ॥
धुप भी है ,छावं भी है
मिलन भी है , बिरह भी है
जिंदगी तो बस .....
आशाओ की चित्तचोर है ॥
कभी ज्वार है , कभी भाटा है
कभी लक्ष्मी है , कभी सरस्वती है
जिंदगी तो बस ......
अनगढ़े पत्थर सी कठोर है ॥
बहुत सही!!
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