" 21वीं सदी का इंद्रधनुष "
(बिना अनुमति के रचना न लें ) विविध रंग की कविताएं
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बुधवार, 7 जुलाई 2010
लाल बहादुर शास्त्री
भारत में
जिस तरह
कीचड़ में कमल
खिलता है .....
उसी तरह
"गुदरी से लाल "
निकलता है ॥
जय -जवान ,जय -किसान
का नारा दिया आपने
आप अच्छे इंसान थे
इनके लिए
आप भगवान थे ॥
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