प्रस्तुत कविता मेरे मित्र श्री राजेश कालरा नई देहली के अनुरोध पर लिखा गया है ..क्योकि आज शाम उनके महिला मित्र का जन्म दिन है ....उनके मित्र को जन्म दिन मुबारक ..आइये हमलोग भी इसे शेयर करें
मेरे दोस्त !!
तुम मुस्कुराती हो तो
शहतूत सी लगती हो
चलती हो तो फूलों सी डाली
कौन है आपको
बनाकर सजाने वाला माली ..
आप गुल हो , या खार होया फिर हसीं वादियों में खिले
सफ़ेद कचनार हो
मुझे तो बस इज़ाज़त चाहिए
देखने की.....
आपके सुर्ख गालों की लाली ॥
कौन है आपको
बनाकर सजाने वाला माली ॥
आपके होठों के दीवाने हम
अलग कर दिया जाम को
जमकर पार्टी होगी आज
आपके जन्म -दिन की शाम को
चहकिए ,लचकिये , बहकिये
और ख्याब देखिये शराबी ॥कौन है बनाने वाला
आपका हुस्न ये बबाली॥
बतायो यार
क्योकि आज मैं बहुत खुश हू
और बजाना चाहता हू
उसके नाम की ताली ॥
very nice keep it up.
जवाब देंहटाएंbahut khoob.
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