![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEg_FYrKjoYG7RHSBXgGENinG43YEbQOyftPSFebFt1MpYA-5jO5Rr0WYI6j3fDgRdhyLvFFkKjlXUXkdGQtJpKw8Rny9FZ0w-EW5KNNQc400IS9eYeC_PtVg1Z3cWlhPTYaNB2xOzTNlSI/s400/jk.jpg)
तेरी लम्बी -लम्बी चोटी में
हर कोई उलझना चाहे
तेरी सांसो की खुशबू में
हर कोई तरसना चाहे
संग-संग तेरे बोल-बैठ कर
हर कोई महकना सीखे
तेरे गालों की डिम्पल के आगे
अब तो इन्द्रधनुष भी फीके //
नाक नुकीली ,नयन हैं तीखे
अधरें तेरी कमल सरीखे
तुम्हें देख, तितली शरमाई
और भौरों ने ली अंगडाई
है दूब पर बैठी जब तुम
ले रही थी ,पवन के झोंकें
संग-संग रह कर तेरे
सूख गए अब दिल के फोके //
तेरे गालों की डिम्पल के आगे
अब तो इन्द्रधनुष भी फीके //