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रविवार, 25 नवंबर 2012

जाड़े की धूप हो तुम //




दोस्तों के ईदगाह हो तुम
मेरे ख्यालों के चारागाह हो तुम
उर्वशी की रूप हो तुम
जाड़े की धूप हो तुम //

नाजो -शोख में पली हो
माचिस की तिली हो
क्यों ओस सी चुप हो तुम
जाड़े को धूप हो तुम

मंगलवार, 13 नवंबर 2012

मंद -मंद मुस्काते फूल


मंद -मंद मुस्काते  फूल
जीवन   को  महकाते फूल
गम सहने की शक्ति देते
कभी नहीं भरमाते फूल //

प्रभु  चरणों  का है यह दास  
कर  अर्पण हम  लागते आस  
है तितली की प्यारी यह 
वन-उपवन महकाते फूल //
मंद -मंद मुस्काते  फूल 

लग गेसुओं में यह 
पौरुष की बीन बजा देता 
सजती  है फूलों से  नारी  
कामदेव को ललचाते फूल //
मंद -मंद मुस्काते  फूल 

शनिवार, 3 नवंबर 2012

तुम केवल ,मेरे मनमीत


हर पत्ते पर नाम लिखूंगा
हर  पंखुड़ी    पर गीत
कोई नहीं और है दूजा
तुम केवल ,मेरे मनमीत //

हर तितली संदेशा भेजे
हवा  तुम्हारी यादों में गाये
ओ मेरी सजनी , जल्दी आ तू
अब समय रहा है रीत //
कोई नहीं और है दूजा
तुम केवल ,मेरे मनमीत //

झरने  की जल सी तू पावन
हो जहां तुम ,वही है सावन
मर चूका मेरे दिल का रावण
 सुन-सुन तेरे आँचल का संगीत
कोई नहीं और है दूजा
तुम केवल ,मेरे मनमीत /

(चित्र मेरी श्रीमती जी नीलू पाण्डेय जी का है )


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