followers
मंगलवार, 27 मई 2014
शुक्रवार, 23 मई 2014
कब आएगी खुशबू इन मकानों से
कोई खुशबु नहीं होती...
सीमेंट में
बालू में
बजरी में
और लोहे की सरियों में
मगर...
जब सब मिलते है तो
बनता है मकान //
सीमेंट में
बालू में
बजरी में
और लोहे की सरियों में
मगर...
जब सब मिलते है तो
बनता है मकान //
मकान....
भींगने से बचने के लिए नहीं है...
मकान....
तलाक के कागज पर दस्खत करने की जगह नहीं है
मकान ....
दुश्मन को परास्त करने का प्लान बनाने की जगह भी नहीं ..
मकान तो एक गर्भ है..
जहां ..
प्रेम और प्यार का बीज पनपता है ..//
और जब...
यह पनपता है..
तो आने लगती है खुशबु मकान से
गुरुवार, 8 मई 2014
सदस्यता लें
संदेश (Atom)