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शुक्रवार, 31 जनवरी 2014

इन्द्रियाँ

पौरुष इन्द्रियाँ
सुसुप्त ज्वालामुखी होती हैं ..
पता नहीं..कब भड़क उठे

यह ज़रूरी  नहीं
स्पर्श हो ही किसी सुंदरी का
हो सकता है
यह जाग उठे ,सिर्फ घुंघुरू की आवाज  से
प्रचोदित हो  उठता है
मोहक गंध से
या फिर किसी भवरे को
फूलों पर बैठा देखकर ...

कितना आसान होता है
किसी का दिल जीतना
असली विजेता तो वही है ..
जिसने जीत लिया इंद्रियों को //

एक बूढ़े बिहारी बाप की अंत:व्यथा

बेटा!!
अमेरिका से कब लौटोगे..

मुझे नही पता..
9/11 क्या होता है..
मगर सुना है..इसके बाद
अमेरिका मे रहने वाले मुसलमान..
शक के दायरे मे है...

हम लोग भी मुसलमान है बेटा..
वहा ऐसा -वैसा मत कर देना..
जिससे इस देश को फ़ज़ीहत उठानी पड़े..
सुना है, ..कुछ दिन पहले ..
न्यूयॉर्क के टाइम्सस्क्वेर पर..
बम के साथ एक पाकिस्तानी पकड़ाया है....

मैने तुम्हे गोद मे खिलाया है..
और इस्लाम की सही तालीम दी है...
पर डरता हू ...कि...
पैसे की चकाचोंध ने ...
बदल ना दिया हो तुम्हे...

और सुनो .....
तुम जो पैसा भेजते हो ना ....
वह बंद कर दो...बेटा..
शायद तुम्हे पैसे की ज़्यादा ज़रूरत हो..
जुम्मन की वेवा को 10 लाख मिले है.
नक्शली हिंसा मे शहिद हो गया.
था.... अपना जुम्मन....
मुझे गम नही बेटा...
कमसे कम ोगो को..
यह यकीन तो हो ही गया. है...
कि .....
किशनगंज के मूसलमान..
सरपरस्तो के मददगार नही है.

सरकार उसकी वेवा को..
नौकरी देने की बात कहती है...
तुम्हारा भतीजा अंसार..
बगल के आगनवाडी केंद्र मे जाता है..
वहा खाना भी मिलता है..

रोज नमाज़ अदा करते हो ना बेटा!!
गंदी बाते मन मे आती भी नही...


तुम्हारी अम्मी जब लौट कर .
आई थी तुम्हारे पास से..
कहती थी....
वहा तो पता ही नही चलता ..
अज़ान का...
किशनगंज मे तो तुम्हारी अम्मी..
अज़ान के साथ ही उठती थी....
खैर,, छोड़ो बेटा ...
अब वतन लौट जाओ ..

अब बिहार मे भी अमन शान्ति है...
यहा बी०जे०पी और जद(यू) की सरकार है..
अच्छा काम कर रही है...
सुना है...
किशनगंज मे और बिहारशरीफ़ मे.....
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ..
एवम नालंदा यूनिवर्सिटी खुल रहा है...
आओ ... इन दोनो जगहो .....
कही न कही नौकरी मिल ही जायगी...

अगर.....
नही भी मिलता है....
चाय की खेती करेगे..
यहा कुछ किसान चाय की खेती कर रहे है..
सिललीगुडी मे चाय की मार्केट है.

जुम्मन का दोस्त कह रहा था..
गावो मे इंटरनेट लग गया है...
सुना है....
अगर ईमेल पता हो..तो..
मिनटो मे बात होती है...
भेज देना ..बेटा !!!!


the poem depicts the pitiful condition of very old father belonging to a muslim family of kisangunj district in bihar. his one son was dead in a ambush of naxalites against police.
one of his son dwells in US.. he is afraid..because a young pakistani had been arrested in TIMES SQUARE of US. he is happy with current political sitution of BIHAR... and urges him to return to his native village and requests him to join the newly opened the branch of AMU and NALANDA UNI........

बुधवार, 29 जनवरी 2014

नेता और बसंत



हर फल चखते नेता
हर गंध सूंघते नेता
जनता को समझते
धोबी का गदहा , नेता //

हर जीत उनका बसंत
हर हार ,उनका पतझड़
आंदोलन है ,उनका डिग्री
चक्का जाम है, उनको भाता//

गठबंधन की नाव चलाते
बात-बात पर चुटकी लेते
बैठक में सबकी  सुनते
विश्व्वास मत से, उनको फायदा //   

रविवार, 19 जनवरी 2014

प्लास्टिक के फूल

बातों का जहर ...
उगलती है ...
सास-बहू
हम और आप
सत्ता दल विपक्षी  नेताओ पर //

मगर हम जो जहर छोड़ रहे है
फूलों पर ...
उसे चूस
मर रही  है मधुमक्खियां ..
मर रही हैं तितलियाँ भी ..
फूलों का गंध भी  बारूदी  लगता है //

मेरे दोस्त !
नाराज मत होना ...
जब मैं तुम्हें अब
प्लास्टिक के फूल
स्वागत में दू   तो ...
  

सोमवार, 6 जनवरी 2014

मुझे तलाश है ...

मुझे तलाश है ...
एक सर्व गुण  संपन्न सेकुलर भगवान् की
या फिर सेकुलर तारणहार  की
गरीबी दूर करने के लिए नहीं
औधोगिक विकास के लिए नहीं
बल्कि ....
जो मुहफट नेताओं की ज़वान सील सके
 जो बालात्कारियों के इरादे और इंद्रियों को नपुंसक बना सके
जो भ्रस्त्रचारियों को राहत देने वाले
हुक्मरानों की कलम  तोड़  सके
जो अपराधियों को सज़ा दिलाने के लिए
कोर्ट को ज़रूरी साक्ष्य जुटा सके  
..

मुझे विश्वास है
अगर ऐसे भगवान् प्रगट होते है
तो .
.पत्थर के भगवानों से लोग हाथ जोड़ लेंगे...//

मेरे बारे में