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शनिवार, 5 जून 2010

आओ, एक पुल बनाएं

पुल .....
अर्थात ...मिलन
दो गांवों का /दो देशों का
और
नदियों को लांघने का एक संरचना ॥

रिश्तों का पुल बनता है
जब दो परिवार
शादी के बंधन में बंधते है ।

कुछ दिनों पहले पढ़ा था
एक तलाक शुदा दंपत्ति के
१२ वर्षीय पुत्र ने
माता -पिता के दिलो को जोड़ा
पुल बनकर ॥


प्रजातंत्र में भी
पुल बनाया जाता है
नेताओ और वोटरों के बीच
भाषणों का / आश्वासनों का
जो तुरंत ही ढह जाता है ॥

दरअसल .....
पुरे समाज की बुनियाद
पुल पर ही टिकी है ॥

आइए......
हम सब मिलकर एक पुल बनाएं
कंक्रीट पुल के इतर (उलट )
विस्वास की सीमेंट
मित्रता की ईट
संवेदना के गारे
और सहिस्नुता की बांस - बल्लियों से ....

मगर याद रखना, मेरे दोस्त
यह पुल
नदी में बाढ़ आने से नहीं
बल्कि ...
अविश्वास और आपसी नासमझी के
हल्के झोकों से भी
बिखर जाएगा ॥

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