पल -पल बसंत
पल- पल सावन
नेता का भाषण //
अगरबत्ती का धुआं
आश्वाशानो का कुआं
जनता को अर्पण
और कब समझेगा मियाँ जुम्मन
नेता का भाषण //
रहिये दूर-दूर
ये खट्टे अंगूर
हवा वोट की जब चलती
लग जाता इनका आसान
नेता का भाषण//
जितना बजाओगे ताली
उतना ही होगा
हाथ तुम्हारा खाली
भर जाएगा उनका घर-आँगन
नेता का भाषण //
bahut khooob bhasan
जवाब देंहटाएंVery nice,
जवाब देंहटाएंAapka aashirwad chahunga,
Please visit,
http://vivj2000.blogspot.com Vivek Jain
अच्छी पन्तिया और सच्ची भी .......
जवाब देंहटाएंजितना बजाओगे ताली
जवाब देंहटाएंउतना ही होगा
हाथ तुम्हारा खाली
भर जाएगा उनका घर-आँगन
नेता का भाषण //
वाह... बिलकुल सच कहा है आपने..
Satya Vachan BabanJi......
जवाब देंहटाएंअगरबत्ती का धुआं
जवाब देंहटाएंआश्वाशानो का कुआं
जनता को अर्पण
और कब समझेगा मियाँ जुम्मन
नेता का भाषण //
........बिलकुल सच कहा है आपने..
सार्थक और भावप्रवण रचना।
जवाब देंहटाएंमेरी लड़ाई Corruption के खिलाफ है आपके साथ के बिना अधूरी है आप सभी मेरे ब्लॉग को follow करके और follow कराके मेरी मिम्मत बढ़ाये, और मेरा साथ दे ..
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंसार्थक और भावप्रवण रचना। धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंBahut sundar likhte hain aap. arthpurn kawitayen ... aapke blog par aana sarthak hua . follow karna shuru ........!
जवाब देंहटाएंअच्छी खिचाई किये हैं नेताओं का |
जवाब देंहटाएंमजेदार कविता है |
आभार के साथ आकाश कुमार
vaah kya khichaai kiya hai netaaonk baban ji aap ne
जवाब देंहटाएंbahut sundar
...........और कब समझेगा मियाँ जुम्मन.......kaash har ek jumman samajh jaye!
जवाब देंहटाएंबढ़िया रचना सच में खट्टे अंगूर ही है .............
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