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रविवार, 10 जून 2012

गरजो बादल , बरसो बादल

गरजो बादल , बरसो बादल
सूख गई आँगन की तुलसी
और सूख गई माँ की  आंचल
गरजो बादल , बरसो बादल //

सूख गए है खेत और नदियाँ
सूख गई तरुवर की कलियाँ
सूख गई अधरों की लाली 
सूख गई आँखों का काजल  
गरजो बादल , बरसो बादल //

सूख गया कुयाँ का  पानी
रूठ गई झरनों की वाणी
रूठ गए हैं सारे बुल-बुल
रूठ गई गोरी का पायल
गरजो बादल , बरसो बादल //


16 टिप्‍पणियां:

  1. क्या बात है!!
    आपके इस सुन्दर प्रविष्टि का लिंक कल दिनांक 11-06-2012 को सोमवारीय चर्चामंच पर भी होगा। सादर सूचनार्थ

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  2. सूख गया कुयाँ का पानी
    रूठ गई झरनों की वाणी
    रूठ गए हैं सारे बुल-बुल
    रूठ गई गोरी का पायल
    गरजो बादल , बरसो बादल

    बेहतरीन अभिव्यक्ति सुंदर रचना,,,,, ,

    MY RECENT POST,,,,काव्यान्जलि ...: ब्याह रचाने के लिये,,,,,

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  3. सच मे अब वर्षा की राह तक रहे हैं सभी ....
    सुंदर अभिव्यक्ति ...
    शुभकामनायें

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  4. बेहतरीन अभिव्यक्ति सुंदर रचना.....

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  5. rimjhim-rimjhim barsaat ke intjaar ki tadaf ko darsaati sundar rachna....

    जवाब देंहटाएं
  6. सूख गए है खेत और नदियाँ
    सूख गई तरुवर की कलियाँ
    सूख गई अधरों की लाली
    सूख गई आँखों का काजल
    गरजो बादल , बरसो बादल //

    यह तो वर्षा ऋतू को आमंत्रण हो गया भैया जी ,

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  7. शानदार गीत... भाई बादलों सुन लो पाण्डे जी की आवाज..
    गरजो बादल , बरसो बादल

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  8. bahut badiya ..bus kuch hi din auu ki baat hai phir megha barsane waale hi hai..

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  9. काश के आपका आदेश मान लें बदरा........................
    :-)

    सुन्दर रचना.

    अनु

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  10. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  11. बड़ा सुंदर वर्षा को निमंत्रण welcome on my blog

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  12. वाह ! सर ... लाजवाब प्रस्तुति .... वर्षा को बुलाने का अचूक मन्त्र

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