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शनिवार, 18 मई 2013

रोने की आदत


वे गुजर रहे होते हैं
तो देखकर भी
मन नहीं करता उन्हें टोकने का /बोलने का
मिलते ही शुरू हो जाते है
मानों दुनिया के सारे दुःख
डाल  दी गई हों उनकी झोली में //

उन्हें
बार-बार दिखते है  वैसे चेहरे
 जो घूम रहे होते है
वातानुकूलित मंहगी गाड़ियों में/ हवाई जहाजों में
और
काटते रहते हैं फीते
सम्मेलनों और आयोजनों के //


मैं उन्हें /अपने  साथ
घुमाना जाता हूँ गाँव
ताकि उन्हें हमेशा याद रहे
पुआल पर बेखवर सोये लोगों के चेहरे
किसी भी चीज को खाकर पेट भर लेने  की आदत //

शायद!
 ऐसा होने से
वे रोना बंद कर देंगे //

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