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....................(१)...................
आइये ना ! मेरे घर
मेरे घर में आपका स्वागत है
आइये ना ....
मेरे ड्राइंग रूम में
सोफे पे बैठिये ना
पूरे नौ इंच धस जायेगे आप
सरकारी मुलाजिम हूँ ना
कल ही किसी ने दिया है
कोई देने लगा गिफ्ट में
जाने -अनजाने
कुछ ....
जायज़ -नाजायज़ करा ही लिया होगा //
---------------(२)......................
अरे....
क्या खोज रही
है
आपकी आँखे दीवालों
पर
गणेश जी और हनुमान जी का कैलेण्डर
अरे भाई साहब !!
कितने पुराने खयालात के है आप
कबकी हटा डाली उन्हें
मकबूल फ़िदा हुसैन की
लगाईं है पेंटिंग
बेचारे हुसैन साहब को
क़तर जाना पडा
अपना देश छोड़कर
हिन्दू देवी -देवताओं की
नंगी पेंटिंग जो बना डाली थी उन्होनें
खैर .....
मुझे तो अच्छा लगा
उनकी अधनंगी औरतों की पेंटिंग
मेरे घर की दीवालों पर
ऐसी ही पेंटिंग मिलेगी //
( लम्बी कविता है ...शेष भाग कल )
--------(३)-----------
फूलों का गुलदस्ता
खोज रहे है आप ....
मैंने उन्हें हटा कर रखा है
ऐश ट्रे ....
अपने दोस्तों के सिगरेटो की राख
जमा करने के लिए //
फुल तो बाहर
गमले में ....
शायद कई दिनों से मैंने
उन पौधों में पानी भी नहीं दिया //
-------(४)।-----------
आइये न
मेरे बच्चो से मिलिए
आपके चरण न छुए
तो उनकी तरफ से मैं ही
माफ़ी मांगता हूँ //
मैंने ही
उन्हें ऐसा करने नहीं सिखाया
गुड मॉर्निंग करेंगे आपको
आपको भी अच्छा लगेगा
जाति का ब्रह्मिन हूँ
बच्चों का उपनयन संस्कार भी किया था
अच्चा खर्चा भी हुआ
मगर ....
बच्चो
ने कहा
it does not suits on my personality
और उतार कर फेंक दिया //
रामायण / महाभारत /कुरान
की कहानियां नहीं सुनना चाहते
(अधूरा )