ye hamari aadat hoti hai ...har kaam ko kal par talna ...par sahi hai - kal ka kya bharosa !! isiliye - kaal kare so aaj kar ...aaj kare so ab .... Jeena to aaj mein hi chaahiye ..... achchhi rachna ....
"आज" कहता है सुबह के साथ जन्म लेता हूँ शाम को मर जाता हूँ मैं "कल" को नहीं जानता // बहुत ही सारगर्भित पंक्तिया है...चंद पंक्तियों मव ही जीवन का सार निहित है...आपको बहुत-बहुत बधाई..
Baban ji hamesha ki tarah hi ek sunder aur saar garbhit rachna, sach kaha aapne aaj me jeena hi jindagi hai, kal kisne dekha hai...........hardik badhai..........:))
pratyek din ek naya aaj janam leta hai aur sam dhalte dhalte hi aaj samapt ho jata hai aur 'aaj' dusre 'aaj'(kal-tomorrow)se mulakat nahi hota hai, kal kisne dekha hai? ham logon ki aadat bangayee hai kal ho jayga, aaj hi apna hai, ... aane wala kal to sirf sapna hai.... Bababn ji behtareen rachna....
गागर में सागर वाली बात आपने चार शब्दों में सत्य कर दी, बब्बन जी Iसत्य, अगर है तो बस ये पल, जोबीत रहे हैं I आज, यानी वर्तमान I अधिकाँश लोग अपनी ज्यादा जिन्दगी या तो अतीत में खो कर या भविष्य के सुनहरे स्वप्नों में ही बिता देते हैंI आज में जो आनंद है वो कल में कहाँ? कल किसने देखा है ? जिन्दगी का मजा तो हर पल में है I हर पल यहाँ जी भर जियो, कल फिर ये समाँ हो न हो I हरपल झूम के जियो I सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए धन्यवाद व् शुभ कामनाएं I
"kal"...............mein yeh kar doonga, woh kar doonga...............par kya "kal" kisi ne dekha hai...........hum log to roz hi "aaj " mein jeete hain........."kal" na kisi ne dekha hai, na dekhega.isiliye kahawat sahi hai........"kaal kare so......"!!!!Bahut badhiya Babanji......keep it up!!!
आदम कौन है.. जिसमे दम है..आदम "जो आज है".. और दम तो बस पल भर का होता है.."कल न तूने देखा है न मैंने"...जो भी है बस यही एक पल है..जी ले इस पल में..
जवाब देंहटाएंye hamari aadat hoti hai ...har kaam ko kal par talna ...par sahi hai - kal ka kya bharosa !!
जवाब देंहटाएंisiliye - kaal kare so aaj kar ...aaj kare so ab .... Jeena to aaj mein hi chaahiye .....
achchhi rachna ....
कम शब्दों में बहुत बड़ी बात कहने की कला आपकी विशेषता है।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब...चलिए मिलकर इस आज को जी लें...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर विचार....
मेरा बचपन ..
bahut sahi... bas aaj hai
जवाब देंहटाएंआज मे जीना ही जीना है कल किसने देखा है।बहुत सुन्दर्।
जवाब देंहटाएंकल उम्मीदों का सफ़र,
जवाब देंहटाएंकल आज को बेह्टर करने की चाह
कल हसीं सपनो को नए आयाम तक ले जाने की राह,
फिर न जाने ये
कल
बदनाम क्यों है.....
अमित चन्द्रा से आपके बारे मे सुना था आज आपके कविताओं को स्पर्श से आपको बेहतर जान पाया..
जवाब देंहटाएंउच्च स्तरीये लेखन के लिये साधुबाद
bahut hee badhiya sandesh diya hai baban bhai. behtareen....
जवाब देंहटाएंपुरानी कहावत की याद ताज़ा करवाती हुई.........आपकी रचना...
जवाब देंहटाएंकॉल करे सो आज कर
आज करे सो अब
पल में प्रलय होएगी
फिर करेगा कब....
बहुत बढ़िया.....
सत्य को कहती अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंbahut sundar.....
जवाब देंहटाएंaaj hi apna hai, ...
aane wala kal to bas sapna hai....
Thanks 4 sharing
सही कहा आपने कल किसने देखा है! बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएं"आज" कहता है
जवाब देंहटाएंसुबह के साथ जन्म लेता हूँ
शाम को मर जाता हूँ
मैं "कल" को नहीं जानता //
बहुत ही सारगर्भित पंक्तिया है...चंद पंक्तियों मव ही जीवन का सार निहित है...आपको बहुत-बहुत बधाई..
Baban ji hamesha ki tarah hi ek sunder aur saar garbhit rachna, sach kaha aapne aaj me jeena hi jindagi hai, kal kisne dekha hai...........hardik badhai..........:))
जवाब देंहटाएंaaj me hi to sara saar hai, kal ka kya hai vo to kabhi aata hi nahi....
जवाब देंहटाएंbahut achchi aur sachchi kavita... :)
pratyek din ek naya aaj janam leta hai aur sam dhalte dhalte hi aaj samapt ho jata hai aur 'aaj' dusre 'aaj'(kal-tomorrow)se mulakat nahi hota hai,
जवाब देंहटाएंkal kisne dekha hai?
ham logon ki aadat bangayee hai kal ho jayga,
aaj hi apna hai, ...
aane wala kal to sirf sapna hai....
Bababn ji behtareen rachna....
what a thought sir and a message too..
जवाब देंहटाएंआज की सुनिए
जवाब देंहटाएंकल की छोडिये............bahut sundar sandesh baban bhai ..........
जो भी है यही पल है ..क्यों ना इस पल को जी लें ।
जवाब देंहटाएंकौन जाने ...कल हो ना हो ..समय की क्षण-भंगुरता लक्ष्य करती पंक्तियाँ ...!!!
आज का जीवन ही आज है..कल फिर जी उठेगा आज बनकर.”....
जवाब देंहटाएंशुक्रिया /
जवाब देंहटाएंजगदीश तिवारी भाई /
आभा दीदी /
सरोज बहन /
अशहर फारुखी जी /
शम्भू नाथ पाण्डेय भाई /...हौसला बनाए रखे
बहुत ही मार्मिक कविता है। निरन्तर् वर्तमान ही है बिता हुआ कल स्मृति है तो आने वाला कल अदृष्ट। दोनो की सत्ता वर्तमान पर ही निर्भर है। यही हमारा है।
जवाब देंहटाएंAgain very nice one Dear Baban ji
जवाब देंहटाएंDhananajay Mishra
गागर में सागर वाली बात आपने चार शब्दों में सत्य कर दी, बब्बन जी Iसत्य, अगर है तो बस ये पल, जोबीत रहे हैं I आज, यानी वर्तमान I अधिकाँश लोग अपनी ज्यादा जिन्दगी या तो अतीत में खो कर या भविष्य के सुनहरे स्वप्नों में ही बिता देते हैंI आज में जो आनंद है वो कल में कहाँ? कल किसने देखा है ? जिन्दगी का मजा तो हर पल में है I हर पल यहाँ जी भर जियो, कल फिर ये समाँ हो न हो I हरपल झूम के जियो I सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए धन्यवाद व् शुभ कामनाएं I
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण
जवाब देंहटाएं"kal"...............mein yeh kar doonga, woh kar doonga...............par kya "kal" kisi ne dekha hai...........hum log to roz hi "aaj " mein jeete hain........."kal" na kisi ne dekha hai, na dekhega.isiliye kahawat sahi hai........"kaal kare so......"!!!!Bahut badhiya Babanji......keep it up!!!
जवाब देंहटाएंबेहद ख़ूबसूरत और उम्दा ....!!
जवाब देंहटाएं............bahut sundar sandesh babanji ..........
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