(बिना अनुमति के रचना न लें ) विविध रंग की कविताएं
बहुत ही खूबसूरत....
waah sir,khoobsurat..
जहाँ आप होवहाँ प्यार बेहिसाबजहा तन्हाई हो वहा जीने की देती है आस
क्या कहुँ कैसे करुँ स्पर्श..खुशबू से पहचान लेती हो,सामने आता हु़ तो कहती हो कुछ बोलते क्यूँ नहि,क्या कहुँ कैसे कहुँ..सबकुछ तो आँखों से जान लेती हो!!
वाह..!बहुत खूब!
सही है.
sundar!
बहुत खूब ..
Wah! Wah! kya baat h :)
waah.. bemisal
जहां आप हो वहां प्यार बेहिसाब।
ek se badhkar ek....
bahut khoob baban bhai ....
बहुत ही खूबसूरत....
जवाब देंहटाएंwaah sir,khoobsurat..
जवाब देंहटाएंजहाँ आप हो
जवाब देंहटाएंवहाँ प्यार बेहिसाब
जहा तन्हाई हो
वहा जीने की देती है आस
क्या कहुँ कैसे करुँ स्पर्श..खुशबू से पहचान लेती हो,
जवाब देंहटाएंसामने आता हु़ तो कहती हो कुछ बोलते क्यूँ नहि,
क्या कहुँ कैसे कहुँ..सबकुछ तो आँखों से जान लेती हो!!
वाह..!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब!
सही है.
जवाब देंहटाएंsundar!
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ..
जवाब देंहटाएंWah! Wah! kya baat h :)
जवाब देंहटाएंwaah.. bemisal
जवाब देंहटाएंजहां आप हो वहां प्यार बेहिसाब।
जवाब देंहटाएंek se badhkar ek....
जवाब देंहटाएंbahut khoob baban bhai ....
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