किताबें बोझ है नई पीढ़ी पर ई -किताबे पढ़ते है वे /
सही है की आज की पीढ़ी इ-किताबें पढते हैं ,पर किताबें कभी भी अपना महत्व नहीं खो सकतीं. अपने चाहनेवालों के लिए वह प्रेमिका हैं जिनका साथ वे कभी नहीं छोड़ सकते. किताबें उनको चाहने वालों के लिए जिंदगी हैं. सुन्दर प्रस्तुति.
किताबें
जवाब देंहटाएंबोझ है नई पीढ़ी पर
ई -किताबे पढ़ते है वे /
सही है की आज की पीढ़ी इ-किताबें पढते हैं ,पर किताबें कभी भी अपना महत्व नहीं खो सकतीं. अपने चाहनेवालों के लिए वह प्रेमिका हैं जिनका साथ वे कभी नहीं छोड़ सकते. किताबें उनको चाहने वालों के लिए जिंदगी हैं. सुन्दर प्रस्तुति.
kitna sahi likhe hain aap.wakayee nayee pidhi kitab hi nahin padhti hai.
जवाब देंहटाएंसही है पर किताबें कभी भी अपना महत्व नहीं खो सकतीं हैं|
जवाब देंहटाएंकम से कम पढते तो हैं ..नहीं तो आज कल किताबों को पढने का चलन कम ही हो गया है ...अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअच्छी अभिव्यक्ति, सुन्दर।
जवाब देंहटाएंbahu hi sundar rachna...
जवाब देंहटाएं*काव्य- कल्पना*
अच्छी रचना है. लेकिन किताबें कभी जेल नही हो सकती हैं.
जवाब देंहटाएंसब से अच्छा दोस्त है किताबें
जवाब देंहटाएंन कुछ मांगती है
ना कुछ शिकायत करती हैं
अपने चाहने वालो को हमेशा देती है
मुंह फेर लो रूठती नहीं
पास चले जायो तो दुत्कारती नहीं
अज्ञानी का उपहास नहीं उड़ाती
बस हर दम अपने सब कुछ न्योछावर करने को उद्यत
किताबें
जवाब देंहटाएंबोझ है नई पीढ़ी पर
ई -किताबे पढ़ते है वे //
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बिलकुल सटीक ..शुक्रिया
बिलकुल सटीक बात कही.
जवाब देंहटाएंसादर
किताबे ललकारती है, फुफकारती है, सनसनाती है, आईना दिखाती है
जवाब देंहटाएंवाह बहुत सही कहा आपने भाई साहब !
पीटर ड्रकर एक साल में एक विषय पर विशेषज्ञता के लिये पुस्तकें पढ़ते थे। हम लोग साल में एक पुस्तक भी मन से पढ़ें तो अंतत पढ़ने की आदत बन जाये! :)
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