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रविवार, 5 दिसंबर 2010

मौन की भाषा


मौन होते है आंसू
मौन होती है आँखे
मौन होती है
दीपक की लौ
मौन होती है
फूलों की खुशबू
मौन होती है
इन्द्रधनुष
मौन होती है कलम
और उसके शब्द
मगर क्रांति लाते है //

आईये ....
हम भी सीखे
मौन की विचित्र भाषा //

10 टिप्‍पणियां:

  1. सच कहा…………बिना शब्दों के भी मौन मुखर होता है मगर उसको पढने वाले कम ही मिलते हैं।

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  2. अच्छी अभिव्यक्ति, बधाई।
    मौन होती है इन्द्र धनुष में मुझे व्याकरण दोअह्ह लग रहा है,देख लें।

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  3. बहुत सुन्दर ...मौन की अपनी ही भाषा होती है ....

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  4. बबन जी.......सही कहा आपने......मौन की भाषा में बहुत दम है.......न हो बोल इसके पास........पर फिर भी धमाका बहुत तेज होता है.......

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  5. बहुत ही प्यारी कविता... ये भाषा भी अपने आप में अजीब ही है...
    सब कुछ कह जाती है...
    =========================
    मेरी पहेली को अभी भी विजेता का इंतज़ार...

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  6. मौन की महिमा पर सार्थक अभिव्यक्ति!
    सादर!

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  7. मौन होती है कलम
    और उसके शब्द
    मगर क्रांति लाते है...
    इस मौन की भी होती है विचित्र भाषा !
    मौन के महत्व पर अच्छी रचना !

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  8. jin sabdo ko apne moun kaha hai,woh apne apme ek khula kitab hai bus hum me parakhne ki tajurba honi chahiye.

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  9. स्वर की भक्ति ,है सदा मौन की शक्ति
    बब्बन जी बहुत अच्छी रचना ,

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  10. Baban ji, sahi kaha aapne............kabhi kabhi hum maun rah kar bhi wah abhivyakt kar jaate hain jo bolkar bhi nahin kar paate. Maun bhasha ko samajhne wale kam hi milenge!!!!!

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