(बिना अनुमति के रचना न लें ) विविध रंग की कविताएं
sundar bhav
waah
बहुत ही अच्छी अभिव्यक्ति , बधाई।
बहुत खूब ...।
बहुत सुंदर भाव युक्त कविता
बहुत सुन्दर..
Prakrti ke sath nari ki khoobsoorat tulna,ati sunder.......
बहुत खूब सर जी!...मेरे ब्लॉग पर आने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया.
कहते है अबला नहीं, बला है आज की नारी.
धधकता ज्वालामुखी अंगार हूँ मेंयाँ की शंकर के गले का हार हों मेंमत समझना माला मुझ को सेज ही कीगरजती बिजली सरस तलवार हूँ मैं
वाह सुन्दर .
bhut hi sundar bhavo se bhari ye kavita...
तुम कच्ची कचनार हो ....गजब
baaki sab to theek hai...yeh bataiye ki aap pics kahan se choose karte ho...hahahahahh
बहुत ही सुन्दर भाव.....
sundar bhav
जवाब देंहटाएंwaah
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी अभिव्यक्ति , बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब ...।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर भाव युक्त कविता
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर..
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर..
जवाब देंहटाएंPrakrti ke sath nari ki khoobsoorat tulna,
जवाब देंहटाएंati sunder.......
बहुत खूब सर जी!...मेरे ब्लॉग पर आने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंकहते है अबला नहीं, बला है आज की नारी.
जवाब देंहटाएंधधकता ज्वालामुखी अंगार हूँ में
जवाब देंहटाएंयाँ की शंकर के गले का हार हों में
मत समझना माला मुझ को सेज ही की
गरजती बिजली सरस तलवार हूँ मैं
वाह सुन्दर .
जवाब देंहटाएंbhut hi sundar bhavo se bhari ye kavita...
जवाब देंहटाएंतुम कच्ची कचनार हो ....गजब
जवाब देंहटाएंbaaki sab to theek hai...yeh bataiye ki aap pics kahan se choose karte ho...hahahahahh
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर भाव.....
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