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सोमवार, 7 जून 2010

मैं सरकार हू

मैं सरकार हू...
आपने ही तो चुना है मुझे
कैसे ??

१०० आदमी में से
५० आदमी वोट देने आये
चार पार्टिया मैदान में थी
मेरी पार्टी को १३ वोट मिले
उसमे भी मेरी पार्टी के जाति के
और वोट
मेरी सहयोगी पार्टी के जाति के
मैं विजयी हुआ

सरकार बना ली मैंने
वो भी जैसी - तैसी नहीं ....
लोकप्रिय सरकार
अब जो मर्जी करुगा

ये कैसे होगा , नेताजी
भीड़ में से किसी ने टोका
आपको १०० में से १३ वोट ही आये
लोकप्रिय सरकार तो तब बनती
जब आप १०० में ५१ वोट लाते

"मैं क्या करू
आप सब पढ़े -लिखे लोग
वोट डालने आते ही नहीं "
आपलोग लिखते हो
टी वी / अखवार में ...
एक्सिट पोल दिखाते हो
प्रजातंत्र है भाई .....
लिखने से कुछ नहीं होगा
असली ताकत वोट गिराने में है ॥

नेता जी ने सफाई दी .....
अब सब चुप थे ....

मेरे विचार से नेताजी की कोई गलती नहीं
गलत है हमलोग ....
जो पढ़ कर भी
अपने अधिकारों को नहीं समझते

1 टिप्पणी:

  1. बबन जी सही कहा आपने...कि

    //मेरे विचार से नेताजी की कोई गलती नहीं
    गलत है हमलोग ....
    जो पढ़ कर भी
    अपने अधिकारों को नहीं समझते// ..

    सही कहा आपने हमारे देश में अब सिर्फ ५०% वोट ही पड़ते हैं.............और जिसने उसमे से ५५% के करीब वोट ले लिये वो जीत गया...........मतलब कि कुल आबादी का सिर्फ २५% .........इतने लोग ही सरकार बनाते हैं....तो इसमें नेताओ कि क्या गतली .गलती हम लोगो कि ही हैं...........एक सही विषय बबन जी.....

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