मुझे हसाना तो नहीं आता
मगर, रुलाना आता है ..दोस्त !
मुझे स्तुति -गान नहीं आता
मगर ,निंदा -गान आता है ...दोस्त !
मुझे तैरना नहीं आता
मगर , डुबाना आता है ....दोस्त !
मुझे धोती पहनाना नहीं आता
मगर , नंगा करना आता है ...दोस्त !
मैं गाली नहीं सुन सकता
मगर , गाली देना आता है ...दोस्त !
मुझे लिखना नहीं आता
मगर ,गलतियां निकाल लेता हू ...दोस्त !
सच में ,
मैं जानता कुछ नहीं ...मेरे दोस्त
फिर भी , सब कुछ जानता हू ॥
इस रचना के लिए बधाई स्वीकारें
जवाब देंहटाएं