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सोमवार, 21 जून 2010

अथ श्री नेताय नमः

मैं नेता हू
कभी हाथ में लालटेन लिए
कभी साईकिल की सवारी करते
तो कभी ......
कमल -फूल का झंडा
लहराते मैं मिल जाउगा ॥

नेता बनाने के लिए
कड़ी पढाई से गुजरना होता है ॥
अनिवार्य विषय है ...
" जनता के वोट कैसे बटोरे"
"मंत्री पद हथियाने के तौर -तरीके "
और
"विपक्छी पार्टी को पटकनी -कब और कैसे "
अतिरिक्त विषय है ....
गठबंधन - कब ,कैसे और क्यों

मैं नत मस्तक हू
आंबेडकर साहब का
एक तो कोई उम्र सीमा तय नहीं की
दूसरा अनिवार्य योग्यता तय नहीं की ॥

जैसे विद्यार्थियों के ग्रेड होते है ....
हम नेताओ के भी ग्रेड है
ए ग्रेड -दिल्ली तक पहुँच वाले
बी ग्रेड -राज्य की राजधानी में घुमने वाले
सी ग्रेड -जिला मुख्यालय में टहलनेवाले
डी ग्रेड -प्रखंड मुखाय्लय तक की हैसियत वाले ॥

प्रोमोशंन के चांस है
आपसी लेग पुलिंग के ज़रिये ॥

बॉलीवुड में देखिये
सभी स्टार के लड़के
हीरो में चल रहे है ॥

डोक्टर अपने लड़के को
डोक्टर बनाना चाहता है
इनजीनियर भी ऐसा ही चाहते है

मुझे तकलीफ होती है
मीडीयावाले वंशवाद का नारा देते है
जब अपने लड़के को टिकट देता हू

एक राज की बात बताता हू
अपने तक सीमित रखियेगा
मैं ५ साल में
उतना कमा लेना चाहता हू
जितना ६० साल में रिटायर होने तक
एक नौकरशाह कमा लेता है ॥

मैं तो एक मोहर हू
गलती हो जाए ...
सजा नहीं होती
नौकरशाहों के कंधे पर
बन्दुक रखकर निशाना साधता हू ॥
हमलोग चोर -चोर मौसेरे भाई है ॥

मेरा प्रिय काम
शिलान्यास करना
उद्घाटन करना ....
पुल का /रोड का /मकान का
और , अपने कोटे के पैसे का
बंदरबाट करना ॥

सभा -गोष्ठी में
ज्यादा शिरकत नहीं करता
फीता काटता हू
लौट जाता हू
पढ़े -लिखे लोग
मुझे घेरना चाहते है
प्रशन पूछकर...
उत्तर न आने पर
"नो कमेन्ट "...कह
मैं भी निकल जाता हू ॥

अपने सहयोगी की बातों
और एंटी पार्टी की हर बात में
मुझे राजनीती नज़र आती है ॥

आप कविता / कहानी /हास्य
कुछ भी लिखें ...
मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता
वैसे भी मैं ...
कुत्ते की पूंछ हू ॥

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