हर   जगह
छलांग   नहीं  लगाया  जा   सकता  ॥
मंजिल    तक
पहुचने  के  लिए
सीढियों  की ज़रूरत
तो  पड़ती  ही   है   ॥
इन  सीढियों   को
हम  जितनी
मेहनत /श्रम /लगन   से   बनायेगें ....
ये   सीढिया ...
उतनी  जल्दी   ही
हमें  अपनी   मंजिल  तक
पंहुचा  देगी  ॥
----------बबन   पाण्डेय

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