(जातिगत जनगणना को लेकर लिए गए फैसले के ऊपर )
अरे यार !!
कान में मत फुस्फुसाओ
खुलकर जाती पूछो ।
सरकारी लाइसेन्स ही मिल गया ..
.संसद के अन्दर
नेताओ की मुहर लग गयी यार ...
जातिगत जनगणना को लेकर ॥
अब इंटरवेऊ में
नहीं पूछा जाएगा
आपके रिसर्च का ज्ञान
भोतिक और रसायन विज्ञानं ॥
आपसे पूछा जाएगा ....
आपके जातिगत पेशे
कैसे दुहते हो गाय
कैसे कराते हो पूजा
कैसे बनाते हो जूता ...
पुनः लौटो यार
मनुवाद की ओर ॥
ओ मेरे परम प्रिय
प्रातः स्मरणीय
सर एडविन लुटियन द्वारा डिजाईन किये गए
१४४ खम्भों के अन्दर बैठने वालो
कुछ तो बक्शो .....
जाती बनानी है तो बनाओ न
अमीरों /गरीबो की जाति
डाकटरो की जाति
इंजीनिअरो की जाति
स्वतंत्रता सेनानियो की जाति
कवियो की जाति
लेखको की जाति
और सुनो ....
एक बेरोजगारों की भी
जाति बना लो यार
ताकि ये एक अलग पार्टी बना सकें ॥
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