वो   गुटखा   खाता  है
खैनी   खाता   है
और  चबाता  है  पान
कर  देता   है
दीवाल  का हर  कोना
रंग -बिरंगा ॥
बगीचे   में बैठकर
सिगरेट  और बीडी   के  धुएं   से
कर  देता  है
फूलों   का  भी  मन   मैला  ॥
हजारों  बहाता  है  वह
हर  महिना  पीने  में
मगर  फल  नहीं  खाता
डाक्टर  ने  जब   कहा
फल और  दूध   खाने   को
वह  कर्ज  लेने की  सोच  रहा है ॥
 
 

reflecting a facet of the society, consumed by its own pleasure and indulgence, good creative work
जवाब देंहटाएंthanks mahavir bhai
जवाब देंहटाएंgr8 work dad keep it up.....
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